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मुंबई

Esther Anuhya Case: रेप और हत्या में पहले सजा-ए-मौत, फिर बरी! जानें क्या है इंजीनियर अनुहया हत्याकांड

मुंबई की एक विशेष महिला अदालत ने 2015 में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में इस सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सही ठहराया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलट दिया है।

मुंबईJan 28, 2025 / 05:21 pm

Dinesh Dubey

Esther Anuhya rape murder
मुंबई के चर्चित ईस्थर अनुहया हत्याकांड (Esther Anuhya) में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। देश की शीर्ष कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार (28 जनवरी) को इंजीनियर अनुहया के अपहरण, बलात्कार और हत्या मामले में दोषी चंद्रभान सानप (Chandrabhan Sanap) की मौत की सजा को पलट दिया है और उसे बरी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाने वाले दोषी चंद्रभान को बरी कर दिया। चंद्रभान को 23 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ अनुहया के बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की सजा मिली थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता अनुहया के परिजनों को गहरा धक्का लगा है।
चंद्रभान को 2015 में एक विशेष महिला अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी। उसने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में मौत की सजा को चुनौती दी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। फिर चंद्रभान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को अभियोजन की कहानी में खामियां मिली, जिसके बाद शीर्ष कोर्ट ने आज चंद्रभान को मामले से बरी कर दिया।
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2018 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश की सॉफ्टवेयर इंजिनियर ईस्थर अनुहया के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में चंद्रभान सानप को दोषी पाया और फांसी की सजा को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने माना की यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता ही, इसलिए निचली अदालत का फैसला उचित है। अनुहया मुंबई स्थित टीसीएस कंपनी में सहायक सिस्टम इंजीनियर थी।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 5 जनवरी 2014 को सुबह करीब 5 बजे अनुहया क्रिसमस की छुट्टियां बिताने के बाद हैदराबाद से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) स्टेशन पहुंची थी। उसे गोरेगांव जाना था। इस दौरान अनुहया को अकेला देखकर चंद्रभान सानप उसके पास गया। कथित तौर पर घर छोड़ने की बात कहकर धोखे से उसे (अनुहया) अपने साथ बाइक पर ले गया। लेकिन वह पीड़िता को घर न छोड़कर रास्ते में सुनसान जगह ले गया और अनुहया के साथ बलात्कार किया। जब अनुहया ने विरोध किया तो उस पर पत्थर से हमला किया और फिर गला घोंटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी।
मुंबई पुलिस को करीब 11 दिन बाद अनुहया की अधजली लाश कांजुरमार्ग इलाके में मिली थी। पुलिस की जांच में पता चला कि चंद्रभान पहले कुली का काम करता था और बाद में ड्राइवर बन गया। कई जगहों के सीसीटीवी खंगालने के बाद पुलिस को उसके ठिकाने का पता लगा और 3 मार्च 2014 को चंद्रभान को नासिक से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना गुनाह भी कबूल किया था।

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