प्रिंसिपल परवीन शेख पर आरोप है कि वह न केवल आतंकी संगठन हमास के प्रति सहानुभूति रखती हैं, बल्कि हिन्दू विरोधी भी हैं। मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था। हालांकि शेख ने इस्तीफा देने से साफ मना कर दिया था।
परवीन शेख से स्कूल ने शनिवार को स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद प्रबंधन ने मंगलवार शाम को प्रिंसिपल शेख को बर्खास्त करने की घोषणा की। प्रबंधन ने कहा, हमने यह निर्णय यह सुनिश्चित करने की दिशा में लिया है कि हम एकता और समावेशिता के अपने लोकाचार से समझौता नहीं कर सकते है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का पुरजोर समर्थन करते हैं, हम मानते हैं कि यह निरंकुश नहीं होना है और इसका प्रयोग दूसरों के प्रति जिम्मेदारी और सम्मान के साथ किया जाना चाहिए।
बर्खास्तगी का नोटिस अवैध- शेख
परवीन शेख ने बताया कि वह अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही थीं। उन्होंने कहा, प्रबंधन से बर्खास्तगी का नोटिस मिलने से पहले ही सोशल मीडिया से बर्खास्तगी के बारे में जानकर मैं हैरान हूं। मेरी बर्खास्तगी का नोटिस पूरी तरह से अवैध है। मेरे ख़िलाफ़ अपमानजनक झूठ फैलाया गया और उसके आधार पर मुझ पर कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित लगती है।
शेख ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सोमैया स्कूल के विकास के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, समर्पण और ईमानदारी से योगदान दिया। लोकतांत्रिक देश में उन्हें बोलने की आजादी है। सोमैया स्कूल की राजनीतिक विषयों पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने को लेकर कोई नीति नहीं है।
क्या है आरोप? परवीन शेख पिछले 12 सालों से सोमैया स्कूल में काम कर रही हैं और पिछले 7 साल से स्कूल की प्रिंसिपल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, एक वेबसाइट ने हाल में एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें दावा किया गया था कि परवीन शेख ने एक्स अकाउंट से पिछले कुछ दिनों में फिलिस्तीन और हमास के प्रति सहानुभूति दिखाने वाले कई पोस्ट को लाइक और कमेंट किया। बताया जा रहा है कि उन्होंने बीजेपी, पीएम मोदी और हिंदू धर्म के अपमान से जुड़े पोस्ट को भी लाइक किया।
24 अप्रैल को प्रिंसिपल परवीन शेख से जुड़ी यह खबर प्रकाशित होने के बाद 26 अप्रैल को स्कूल प्रबंधन ने बैठक बुलाई और उन्हें इस्तीफा देने को कहा। लेकिन शेख ने जब कुछ दिन बीत जाने के बाद भी इस्तीफा नहीं दिया तो उन पर कथित तौर पर पद छोड़ने का दबाव बनाया गया। और अब उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।