एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में बस चालक संजय मोरे (54) के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। उसे मंगलवार को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
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पुलिस ने बताया कि चालक ने कथित तौर पर बताया कि उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए केवल दस दिन की ट्रेनिंग ली थी। कुर्ला इलाके के एसजी बर्वे मार्ग पर सोमवार रात साढ़े 9 बजे के आसपास हुई इस दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 49 अन्य घायल हो गए। इस दुर्घटना में 22 वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए है। बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम ने इस हादसे की जांच के लिए मंगलवार को एक समिति गठित की। पूछताछ के दौरान मोरे ने पुलिस को बताया कि वह 1 दिसंबर से बेस्ट की इलेक्ट्रिक बस चला रहा था और उससे पहले वह मिनी बस चलाता था।
एक अधिकारी के मुताबिक मोरे ने दावा किया कि उसे ईवी बस चलाने का ज्यादा अनुभव नहीं है और इस वजह से वह सोमवार रात को बस को नियंत्रित नहीं कर सका। पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि मोरे मानसिक रूप से सचेत था तथा प्राथमिक चिकित्सा रिपोर्ट के मुताबिक वह हादसे के समय शराब के नशे में नहीं था।
हादसे के समय हैदराबाद स्थित ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक द्वारा निर्मित 12 मीटर लंबी बस में करीब 60 यात्री सवार थे। फोरेंसिक टीम और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों ने वाहन और घटना स्थल की जांच की है।
कुछ घायलों की हालत गंभीर है। इस दुर्घटना में बंदोबस्त ड्यूटी पर तैनात चार पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। उनकी हालत स्थिर है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत आरोपी बस चालक संजय मोरे को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। जबकि कुछ लोगों ने बस के कंडक्टर को चालक समझकर उसकी पिटाई कर दी। मोरे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) तथा मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।