मुंबई में एमवीए के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर बड़ी बैठक की। इसके बाद एनसीपी (शरद पवार) प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकती क्योंकि जब भी कोई मूर्ति बनाई जाती है, तो राज्य के अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक होता है।”
शरद पवार के बयान पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। आज पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “मेरा मानना है कि इस घटना पर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह घटना हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, यह बहुत दुखद घटना है, इसकी उचित जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और उस स्थान पर फिर से एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। नौसेना ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एक जांच कमेटी बनाई है, कमेटी ने वहां का दौरा किया है और नौसेना इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगी…”
एमवीए पर पलटवार करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, “विपक्ष को ऐसी ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए. शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें भी पता है कि यह प्रतिमा नौसेना ने लगवाई है, राज्य सरकार ने नहीं लगवाई है, भ्रष्टाचार कहीं भी स्वीकार्य नहीं है, हम भ्रष्टाचार का हमेशा विरोध करते हैं, अगर पवार साहब ऐसे बयान देते हैं तो मुझे आश्चर्य होता है.. क्या पवार साहब ऐसे बयान देकर भ्रष्टाचार का समर्थन करते हैं?”
बता दें कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को दोपहर करीब एक बजे गिर गई। पिछले साल 4 दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि यह घटना 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा के कारण हुई। इस पर राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार का यह दावा करना बेशर्मी की पराकाष्ठा है।