शिवसेना का चुनाव चिह्न धनुष-बाण फ्रीज किये जाने पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री व शिंदे गुट के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने आज अहम टिप्पणी की। केसरकर ने कहा “चुनाव आयोग ने हमारे पास बहुमत होने के बावजूद भी शिवसेना पर हमारा दावा नहीं स्वीकार किया। चुनाव आयोग का यह फैसला हमारे साथ अन्याय है। हमने इसको लेकर अभी तक कोई अन्य विकल्प तैयार नहीं रखा है।”
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गौरतलब है कि इसी साल जून महीने में शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों धड़ें निर्वाचन आयोग से खुद को असली शिवसेना बताते हुए ‘पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह’ मांग रहे हैं। हालांकि, मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले आयोग ने एक अंतरिम आदेश जारी कर कहा कि आगामी चुनावों में दोनों गुट शिवसेना के नाम और धनुष-बाण का उपयोग नहीं कर सकते है। आयोग ने कहा कि विवाद के चलते चुनाव में हिस्सा ले रहे किसी भी गुट को इससे अनुचित लाभ व हानि ना हो इसलिए यह फैसला लिया गया है। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे (ठाकरे गुट) ने कहा कि चुनाव आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने की बजाय समेकित फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने इस निर्णय को अन्याय बताया है। वहीँ, अब इस मामले के सुप्रीम कोर्ट के चौखट तक पहुंचने की बहुत अधिक संभावना है।