शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर दावा किया है कि उनकी शिवसेना ही बालासाहेब की असली शिवसेना है। इसके साथ ही उन्होंने शिंदे खेमे को चेताया है कि एकनाथ शिंदे के पास अब एआईएमआईएम (AIMIM) या समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ विलय करने का ही विकल्प रहा गया है।
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सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का इंटरव्यू लिया है। जिसमें उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैंने कानूनी विशेषज्ञों और संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहले दो तिहाई बहुमत वाले खेमे को अलग से मान्यता मिल रही थी। लेकिन अब यह संभव नहीं है क्योंकि कोर्ट ने इस संबंध में फैसला कर दिया है। यानि अब इस समूह (शिंदे गुट) के पास किसी पार्टी में खुद को विलय करना ही एकमात्र तरीका बचा हुआ है।“ उन्होंने आगे कहा “समाजवादी पार्टी, एमआईएम उनके पास विकल्प हैं। लेकिन अगर इस समूह का बीजेपी में विलय हो जाता है, तो वे अपनी उपयोगिता खो देंगे। जब शिंदे और फडणवीस की प्रेस कांफ्रेंस चल रही थी तो फडणवीस ने शिंदे का माइक खींच लिया। हमारी तीन दलीय (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस) सरकार थी, अजित पवार उपमुख्यमंत्री थे। उन्होंने कभी मेरे सामने की माइक नहीं खींची थी। क्योंकि हमारे बीच एक समझ थी।“
इस पूरे इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने मनसे का जिक्र तक नहीं किया। एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद देवेंद्र फडणवीस और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की मुलाकात हुई थी। साथ ही एकनाथ शिंदे समूह ने भी मनसे से संपर्क किया था। कुछ दिनों पहले राज ठाकरे ने एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में शिंदे समूह के मनसे में विलय को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया था।
साथ ही राज ठाकरे ने कहा था कि ऐसा होने पर वह मनसे कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय भी नहीं होने देंगे। इस बीच, उद्धव ठाकरे ने मनसे का उल्लेख किए बिना तंज किया कि शिंदे गुट के पास एमआईएम या समाजवादी जैसी पार्टी के साथ विलय करने का सिर्फ विकल्प बचा है।