शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और शिवसेना (UBT) पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों धड़े सोमवार को अलग-अलग समारोहों में पार्टी का स्थापना दिवस मनाएंगे। जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर भी देख जा रहा है। इसके पीछे की मुख्य वजह अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तथा मुंबई समेत अन्य जगहों के नगर निगम चुनाव है।
एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना उत्तर पश्चिमी मुंबई में गोरेगांव के नेस्को मैदान में कार्यक्रम का आयोजन करेगी, जबकि शिवसेना (यूबीटी) मध्य मुंबई में सायन के शणमुखानंद हॉल में अपना कार्यक्रम करेगी। शिंदे खेमे का दावा है कि पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पूरे महाराष्ट्र से शिवसैनिक आएंगे।
पिछले साल जून महीने में राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में कॅरियर शुरू करने वाले बाल ठाकरे द्वारा बनायी गई शिवसेना दो खेमों में बंट गई। जिसे बाद से शिवसेना के दोनों ही धड़े दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत के असल उत्तराधिकारी होने का दावा कर रहे हैं। शिंदे और 39 अन्य शिवसेना विधायकों के महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पिछले साल जून में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास आघाडी (MVA) सरकार गिर गई थी।
इसके बाद शिंदे बीजेपी के सहयोग से मुख्यमंत्री बने. इसी साल शिंदे गुट की शिवसेना को चुनाव आयोग ने मूल पार्टी का नाम और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित किया, जबकि ठाकरे के धड़े को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम व मशाल चिन्ह दिया।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है। आज शिवसेना की 57वीं वर्षगांठ है। लेकिन कल कहीं-कहीं मैंने विद्रोही जमात का बैनर देखा। उस पर लिखा है कि यह शिवसेना की 59वीं वर्षगांठ है। उन्हें शिवसेना के स्थापना दिवस की तारीख व वर्ष का ही पता नहीं है। वे शिवसेना पर दावा कर रहे हैं।