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Maharashtra: सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को फटकारा, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 1 हफ्ते में सुनवाई का आदेश

Uddhav Thackeray Vs Eknath Shinde: उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई के लिए समय तय किया जाए।

मुंबईSep 18, 2023 / 04:57 pm

Dinesh Dubey

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे

Shiv Sena Case: शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई की। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने मांग की कि मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की जाए। इस दौरान शीर्ष कोर्ट ने राहुल नार्वेकर को फटकारते हुए कहा कि भले ही हमने तीन महीने की समयसीमा नहीं दी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि विधानसभा अध्यक्ष को कोर्ट की अवमानना करनी चाहिए। कोर्ट ने पूछा, राहुल नार्वेकर इस मामले की सुनवाई में देरी क्यों कर रहे हैं? हम निर्देश देते हैं कि स्पीकर इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह से पहले करें।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाओं को एक सप्ताह की अवधि के भीतर स्पीकर के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिस पर स्पीकर को रिकॉर्ड पूरा करने के लिए प्रक्रियात्मक निर्देश जारी करने होंगे। और सुनवाई के लिए समय निर्धारित करना होगा।
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पीठ ने कहा कि स्पीकर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कार्यवाही को अनिश्चित काल तक विलंबित नहीं कर सकते हैं। साथ ही उन्हें कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए। सीजेआई ने पूछा, “11 मई को कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर ने क्या किया?”
56 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर शिवसेना के दोनों खेमों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाओं को एक सप्ताह की अवधि के भीतर स्पीकर के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए और स्पीकर सुनवाई प्रक्रिया बढ़ाये। इस पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस जेबी परदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Misra) शामिल हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील प्रभु (Sunil Prabhu) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिंदे नीत बागी खेमे के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में उद्धव ठाकरे गुट ने विधानसभा अध्यक्ष पर निष्क्रियता और पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष का नतीजा 11 मई को आया था। तब सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने निर्णय सुनाते हुए कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ही एकनाथ शिंदे सहित 16 बागी शिवसेना विधायकों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
मालूम हो कि पिछले साल जून महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था, जिस वजह से महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल थी। शिंदे के विद्रोह के बाद शिवसेना में विभाजन हो गया। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों (बागी) के समर्थन से बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बने और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने।

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