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पुत्र और पुत्री प्रेम की वजह से खत्म हुई शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी, अमित शाह की दो टूक

Maharashtra Politics : विपक्षी दलों के नेता शिवसेना और एनसीपी में फूट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हैं। इस पर अमित शाह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

मुंबईMay 15, 2024 / 09:46 pm

Dinesh Dubey

Amit Shah on Sharad Pawar Uddhav Thackeray : महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए जोरशोर से प्रचार जारी है। इस बीच, महाराष्ट्र की राजनीति पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। बीजेपी नेता अमित शाह ने दावा किया कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में दो गुट बीजेपी की वजह से नहीं बने हैं बल्कि इसके पीछे असली वजह परिवारवाद और राजशाही सोच है।

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वरिष्ठ नेता अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा, “अगर शरद पवार अजित पवार को अपना वारिस बनाते तो पार्टी टूटती क्या? अगर उद्धव ठाकरे अपने बेटे की जगह एकनाथ शिंदे को महत्व देते तो उनकी पार्टी टूटती क्या? उद्धव ठाकरे के बेटा प्रेम और शरद पवार के बेटी प्रेम के कारण उनकी पार्टी टूटी है। बीजेपी पर ख़्वाहमख़्वाह आरोप लगाये जा रहे है।”  

अमित शाह ने क्या कहा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अगर शरद पवार ने भतीजे अजित पवार को अपना उत्तराधिकारी बनाया होता तो क्या पार्टी टूट जाती और अगर उद्धव जी ने अपने बेटे की जगह एकनाथ शिंदे को महत्व दिया होता तो क्या पार्टी टूटती? यह उद्धव के पुत्र प्रेम के कारण और शरद पवार के बेटी प्रेम के कारण हुआ हैं… वे हम पर अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं। वे राजशाही जैसी व्यवस्था चाहते हैं, जहाँ पिता के बाद बेटा या बेटी ही उत्तराधिकारी बने… देश में लोकतंत्र है और कई लोगों को यह स्वीकार नहीं है इसलिए वे अलग हो रहे हैं…”
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में 2019 के बाद से कई बार राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है। 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मुख्यमंती पद को लेकर खींचतान के बाद बीजेपी के साथ अपना दो दशक से ज्यादा पुराना गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मिलकर महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन बनाया और राज्य में सरकार बनायीं। लेकिन दो साल पहले एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना में बगावत हुई और एमवीए सरकार गिर गई। फिर 30 जून 2022 में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनायीं।
पिछले साथ वरिष्ठ नेता अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी भी दो खेमों में बंट गई। 2 जुलाई 2023 को अजित दादा ने अचानक उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली और शिंदे सरकार में शामिल हो गए। एनसीपी के अधिकांश विधायक अब शरद पवार का साथ छोड़कर उनके भतीजे के साथ है। विपक्षी दलों के नेता शिवसेना और एनसीपी में फूट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हैं।

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