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NCP: क्या एक होंगे चाचा-भतीजा? छगन भुजबल के बाद अब अजित पवार की पत्नी शरद पवार से मिलने पहुंचीं
एनसीपी (अजित पवार) के पिंपरी-चिंचवड के चीफ अजित गवाहाने, छात्र विंग के प्रमुख यश साने, पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. रिपोर्ट्स की मानें तो सत्तारूढ़ महायुति में एनसीपी को पुणे की भोसरी (Bhosari) विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी उतारने का मौका नहीं मिलेगा, जहां से अजित गवाहाने टिकट चाहते थे. हाल ही में एनसीपी (शरद पवार) विधायक रोहित पवार ने दावा किया था कि अजित पवार गुट के 18 से 19 विधायक मॉनसून सत्र के बाद पाला बदलेंगे। लेकिन शरद पवार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता इस बात पर निर्णय लेंगे कि किसे वापस लेना है और किसे नहीं।
पिछले दिनों खुद शरद पवार ने भी इसके संकेत दिए थे। सीनियर पवार ने दावा किया था कि उनके भतीजे के गुट के कुछ विधायकों ने उनकी पार्टी के नेता जयंत पाटिल से मुलाकात की है.
महाराष्ट्र विधानमंडल का मॉनसून सत्र 12 जुलाई को समाप्त हो गया। राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकते है।
भुजबल बदलेंगे पाला
एनसीपी (अजित पवार) नेता छगन भुजबल ने सोमवार को एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार से मुंबई में उनके आवास ‘सिल्वर ओक’ पर अचानक मुलाकात की। उनके बीच बंद दरवाजे के पीछे डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई। सियासी गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है। अटकलें लग रही हैं कि महाराष्ट्र के मंत्री और सीनियर एनसीपी नेता छगन भुजबल अजित पवार का साथ छोड़ सकते हैं. ख़बरों के मुताबिक, ओबीसी के प्रभावशाली नेता भुजबल को अब लग रहा है कि अजित दादा की एनसीपी में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। वह अजित पवार खेमे में तो हैं, लेकिन पार्टी के भीतर राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ गए हैं। वहीं भुजबल इस बात से भी नाराज बताए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को राज्यसभा के लिए नामांकित किया। जबकि वह खुद राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री बनने की कोशिश कर रहे थे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने महाराष्ट्र में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इनमें से 8 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि अजित पवार गुट ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे, इनमें से एकमात्र रायगढ़ सीट पर विजय मिली। खुद अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार प्रतिष्ठा की लड़ाई माने जाने वाले बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अपनी भाभी सुप्रिया सुले से हार गईं।
बता दें कि अविभाजित एनसीपी ने 2019 के चुनावों में 54 विधानसभा सीटें जीती थीं। जुलाई 2023 में पार्टी विभाजित हो गई और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट में 39 विधायक चले गए।