उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, ‘नांदेड़ में अमित शाह ने अपने 20 मिनट के भाषण में 7 मिनट तक उद्धव ठाकरे पर ही बात की, जिसका मतलब है कि मातोश्री का दबदबा अब भी कायम है। शिवसेना पार्टी तोड़ दी गई, और गद्दारों को नाम और चिन्ह दे दिया गया। इसके बाद भी उनके दीमकों में ठाकरे और शिवसेना का डर दिख रहा है, ये डर अच्छा है।’
‘दो नांव में पैर नहीं रख सकते’
नांदेड में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा था, “उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि कर्नाटक में जिसकी सरकार बनी वह वीर सावरकर को इतिहास की पुस्तकों से मिटाना चाहती, क्या आप इससे सहमत हैं? मैं नांदेड की जनता से पूछता हूं कि महान देशभक्त, बलिदानी आदमी वीर सावरकर का सम्मान होना चाहिए या नहीं होना चाहिए? उद्धव जी आप दो नांव में पैर नहीं रख सकते। उद्धव जी कहते हैं कि हमने इनकी सरकार तोड़ी। हमने इनकी सरकार नहीं तोड़ी। शिवसैनिकों ने आपकी नीति विरोधी बातों से तंग आकर आपकी पार्टी छोड़ी।“
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राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, “अमित शाह देश के गृह मंत्री हैं उन्हें देश की कानून व्यव्स्था पर बात करनी चाहिए। मणिपुर में क्या हो रहा है आप देख सकते हैं। वहां की हिंसा क्यों नहीं थमी? चार सवाल जो अमित शाह ने पूछे हैं उसका चिंतन बीजेपी को खुद करना चाहिए। जाति और धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए ये गलत है लेकिन आप (बीजेपी) दे रहे हैं।“‘दो नांव में पैर नहीं रख सकते’
नांदेड में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा था, “उद्धव ठाकरे से पूछता हूं कि कर्नाटक में जिसकी सरकार बनी वह वीर सावरकर को इतिहास की पुस्तकों से मिटाना चाहती, क्या आप इससे सहमत हैं? मैं नांदेड की जनता से पूछता हूं कि महान देशभक्त, बलिदानी आदमी वीर सावरकर का सम्मान होना चाहिए या नहीं होना चाहिए? उद्धव जी आप दो नांव में पैर नहीं रख सकते। उद्धव जी कहते हैं कि हमने इनकी सरकार तोड़ी। हमने इनकी सरकार नहीं तोड़ी। शिवसैनिकों ने आपकी नीति विरोधी बातों से तंग आकर आपकी पार्टी छोड़ी।“
उन्होंने कहा, बीजेपी ने पिछले साल ठाकरे नीत महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को नहीं गिराया, बल्कि ठाकरे की नीतियों से थक चुके शिवसैनिक शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ जाने को तैयार नहीं थे। उद्धव ठाकरे ने धोखाधड़ी और विश्वासघात किया था। चुनाव मोदी जी और देवेंद्र जी के नाम पर लड़ा गया और मुख्यमंत्री बनने के लिए वह कांग्रेस की गोद में बैठ गए।
अमित शाह ने ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा, वह तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, समान नागरिक संहिता लागू करने और मुसलमानों के लिए आरक्षण पर सहमत हैं या नहीं, इस पर अपना रुख स्पष्ट करें।