शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने शनिवार को कहा कि एनसीपी के नेता अजित पवार में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने का सामर्थ्य है। उनके पास काफी प्रशासनिक अनुभव है। एकनाथ शिंदे का बिना नाम लिए राउत ने कहा कि बंटवारा करके कुछ अयोग्य लोग भी मुख्यमंत्री बन गए।
‘पवार ने पहले भी CM बनने की इच्छा जताई थी’
राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कौन मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहेगा? और अजित पवार मुख्यमंत्री बनने के लिए सक्षम हैं। वह कई वर्षों से राजनीति में हैं और कई बार मंत्री रहे हैं। उनके पास सबसे ज्यादा बार डिप्टी सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड है। हर कोई सोचता है कि उसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने (पवार) पहली बार यह इच्छा नहीं जतायी है इसलिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं।’’
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राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कौन मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहेगा? और अजित पवार मुख्यमंत्री बनने के लिए सक्षम हैं। वह कई वर्षों से राजनीति में हैं और कई बार मंत्री रहे हैं। उनके पास सबसे ज्यादा बार डिप्टी सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड है। हर कोई सोचता है कि उसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उन्होंने (पवार) पहली बार यह इच्छा नहीं जतायी है इसलिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं।’’
राउत का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले पवार ने पुणे में साकाल मीडिया ग्रुप (Sakal Media Group) को दिए इंटरव्यू में अपने मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के बारे में पूछे जाने पर कहा था, ‘‘हां, मैं 100 फीसदी मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा।’’
क्यों बढ़ता गया विवाद?
बीजेपी के साथ जाने की अफवाहों के बाद मंगलवार को अजित पवार ने सफाई दी थी। तब अजित पवार ने बिना नाम लिए उद्धव गुट के सांसद संजय राउत को फटकार लगाई थी। पवार ने कहा था, “कोई बाहरी हमारी पार्टी की पैरवी न करे। एनसीपी के प्रवक्ता हमारी पार्टी के बारे में बात करने में सक्षम है।“
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क्यों बढ़ता गया विवाद?
बीजेपी के साथ जाने की अफवाहों के बाद मंगलवार को अजित पवार ने सफाई दी थी। तब अजित पवार ने बिना नाम लिए उद्धव गुट के सांसद संजय राउत को फटकार लगाई थी। पवार ने कहा था, “कोई बाहरी हमारी पार्टी की पैरवी न करे। एनसीपी के प्रवक्ता हमारी पार्टी के बारे में बात करने में सक्षम है।“
फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने अजित पवार के बयान की आलोचना की। राउत ने कहा था, मैं सच बोलना जारी रखूंगा। मैं किसी के बाप से नहीं डरता। पवार के बयान से नाराज राउत ने कहा, “मैं महाविकास अघाडी (MVA) का चौकीदार हूं। एमवीए की वकालत करने के लिए आप मुझे क्यों कोस रहे हैं? एमवीए में हर दल मजबूत रहे, वह टूटे नहीं यही मेरी भूमिका होती है। जब शिवसेना में फूट पड़ी तो आपने हमारी भी पैरवी की थी। अगर कोई मुझे सच बोलने के लिए निशाना भी बनाता है, तो भी मैं पीछे नहीं हटूंगा, मैं सच बोलता रहूंगा।
संजय राउत ने बदला रुख!
मुंबई में शुक्रवार को एनसीपी के अधिवेशन में अजित पवार की अनुपस्थिति को लेकर सवाल पूछे जाने पर संजय राउत टिप्पणी करने से बचने नजर आये। उन्होंने कहा, “उनके पार्टी के प्रमुख लोग तय करेंगे कि किसे बुलाना है किसे नहीं। इसमें मैं क्या कह सकता हूं? उनकी पार्टी (NCP) में क्या चल रहा मैं उस बारे में कैसे बोल सकता हूं?”
बता दें कि महाविकास आघाडी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की पार्टी एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं। एकनाथ शिंदे ने पिछले साल जून में 40 शिवसेना विधायकों के साथ बगावत की थी जिसके कारण राज्य में उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार गिर गयी थी।