उद्धव गुट के नेता सुनील राउत ने कहा, “मेरे भाई सांसद संजय राउत और मुझे कल (गुरुवार) से जान से मारने के फोन आ रहे हैं और सुबह मीडिया से बात नहीं करने के लिए कहा गया है। मुंबई पुलिस आयुक्त और राज्य के गृह मंत्री को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है।“
मुंबई पुलिस ने बताया कि उद्धव गुट के नेता संजय राउत को धमकी देने के आरोप में मुंबई पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपियों से पूछताछ चल रही है. पुलिस ने आरोपियों की पहचान का खुलासा अभी नहीं किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों व्यक्तियों को गोवंडी (Govandi) के पूर्वी उपनगर से पकड़ा गया। पुलिस मामले में आधिकारिक शिकायत का इंतजार कर रही है। अधिकारी ने कहा कि शिकायत दर्ज होने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी संजय राउत ने कहा कि उन्हें और उनके भाई को जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इसे गंभीरता से लेने की मांग की। राउत ने कहा, ‘‘मुझे नहीं बल्कि, इस सरकार को उन्हें और उनके भाई को मिली धमकी को गंभीरता से लेना चाहिए। यह मामला पुलिस के पास है और उसे उस पर ध्यान देना चाहिए। हमें धमकी की चिंता नहीं है।’’
हालांकि संजय राउत ने दावा किया कि उन्होंने इस मामले में कोई शिकायत नहीं दर्ज करायी है। राउत को अतीत में भी ऐसी धमकियां मिल चुकी हैं। वहीँ, संजय राउत को दी गई धमकी पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा, महाराष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुसार किसी भी पार्टी के बारे में अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, ऐसे में अगर कोई यह सोचता है कि वह धमकियों से आवाज बंद कर सकता है तो यह गलतफहमी है। मुझे सिस्टम और पुलिस की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं इसलिए मुझे इसकी चिंता नहीं है।
बता दें कि इससे पहले शरद पवार को ट्विटर के जरिए जान से मारने की धमकी मिली है। मामले को संज्ञान में लेते हुए मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। वरिष्ठ नेता को धमकी देने के मामले पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र की राजनीति की एक उच्च परंपरा रही है। हमारी राजनीतिक स्तर पर मतभेद हैं, लेकिन विचारों में मतभेद नहीं हैं। किसी भी नेता को धमकी देना या सोशल मीडिया पर खुद को अभिव्यक्त करते हुए शिष्टता की सीमा को पार करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में पुलिस निश्चित रूप से कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।“ जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की जांच के निर्देश दिए है।