सैफ अली खान को चाकू मारने के आरोप में गिरफ्तार शरीफुल इस्लाम के पिता मोहम्मद रूहुल अमीन फकीर (Mohammad Ruhul Amin Fakir) ने दावा किया कि उनके बेटे पर झूठा आरोप लगाया गया है और मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। एक बयान में 55 वर्षीय रूहुल ने विश्वास जताया कि उनका बेटा निर्दोष है और इस घटना को लेकर गलतफहमी हुई है। उन्होंने अधिकारियों से मामले की गहन जांच करने और उनके बेटे को छोड़ने की गुहार लगाई है।
फिंगरप्रिंट हुआ मैच- पुलिस
हालांकि पुलिस ने कहा कि अभिनेता के घर पर मिले फिंगरप्रिंट शरीफुल से मेल खाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि फोरेंसिक जांच में अपराध स्थल पर मिले फिंगरप्रिंट और आरोपी शरीफुल के फिंगरप्रिंट एक होने की पुष्टि हुई है। पूछताछ में शरीफुल ने गुनाह कबूल किया है और बताया कि वह चोरी को अंजाम देने के बाद बांग्लादेश भागने वाला था। लीलावती अस्पताल ने सैफ अली खान को लेकर जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी है उसमें कई घावों का उल्लेख किया गया है, लेकिन उनकी रीढ़ में गहरे घाव का कोई उल्लेख नहीं है जिसके लिए ऑपरेशन की आवश्यकता थी। इसलिए बांद्रा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज नहीं किया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिर्फ चोटों की गंभीरता के आधार पर हत्या के आरोप को नहीं लगाया जा सकता है। आरोपी का इरादा सबसे अधिक मायने रखता है। सूत्र बता रहे है कि सैफ का इलाज करने वाले डॉक्टर द्वारा विस्तृत रिपोर्ट देने और सबूत मिलने पर पुलिस मामले में धारा 109 (हत्या का प्रयास) को जोड़ सकती है।
कांग्रेस ने उठाये सवाल
इस बीच, अभिनेता सैफ अली खान पर हमले के मामले में पकड़े गए आरोपी को लेकर किए जा रहे दावे को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई पुलिस से स्पष्टीकरण की मांग की है। उन्होंने कहा, मीडिया रिपोर्टों में ऐसा कहा जा रहा है कि जिस व्यक्ति को पकड़ा गया है और जो इमारत की सीसीटीवी फुटेज में दिखा था, दोनों अलग-अलग हैं। नाना पटोले ने कहा, “हाल ही में एक अखबार ने दावा किया कि सैफ अली खान के पर हमले के मामले में जिस व्यक्ति की फोटो (अपार्टमेंट की) सीढ़ियों पर दिखाई गई और जिस व्यक्ति को पकड़ा गया, दोनों में फर्क है। इसकी जांच भी की गई, उसी आधार यह रिपोर्ट दी गई। हमने भी दोनों अपराधियों की फोटो को गौर से देखा तो पाया कि दोनों में अंतर है। मुंबई पुलिस को तुरंत इस बारे में जवाब देना चाहिए।