रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाई जिम्मी, सौतेली बहनें शिरीन व डिएना, बटलर सुब्बैया (Butler Subbiah) और शांतनु नायडू का नाम वसीयत में शामिल है। जबकि टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को दी जाएगी।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2,000 वर्ग फीट का एक बीच बंगला, मुंबई में जुहू तारा रोड स्थित 2 मंजिला आवास और 350 करोड़ से अधिक की एफडी शामिल हैं। रतन टाटा की संपत्तियों में 165 बिलियन डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स में 0.83 फीसदी की हिस्सेदारी भी शामिल है। यह भी पढ़ें
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रतन टाटा ने वसीयत में उनके पालतू कुत्ते टीटो का भी नाम है। उन्होंने छह साल पहले जर्मन शेफर्ड टीटो (German Shepherd Tito) को गोद लिया था. टिटो की देखभाल अब रतन टाटा के दशकों से कुक रहे राजन शॉ करेंगे। रतन टाटा ने अपने दोस्त शांतनु नायडू के स्टार्टअप ‘गुडफेलोज़’ (Goodfellows) में हिस्सेदारी छोड़ी है. साथ ही विदेश में पढ़ाई के लिए लिया गया उनका पर्सनल लोन भी माफ किया है। रतन टाटा ने अपने कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू के उद्यम में भी निवेश किया था। अपनी वसीयत में टाटा ने ‘गुडफेलोज़’ में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी और नायडू द्वारा विदेश में पढ़ाई के लिए लिया गया लोन भी माफ कर दिया है।
30 वर्षीय शांतनु रतन टाटा के भरोसेमंद सहायक होने के साथ ही टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा मैनेजर है. उनकी टाटा से दोस्ती 2014 में शुरू हुई थी। जब शांतनु ने आवारा कुत्तों को रात में कारों की चपेट में आने से बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाया। शांतनु की इस पहल से प्रभावित होकर टाटा ने उन्हें अपने लिए काम करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने हर तरह से शांतनु की मदद की।
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