मुंबई

राणा दंपती ने अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा लांघी, मगर देशद्रोह का मामला नहीं बनता

हनुमान चालीसा विवाद: जमानत आदेश में कोर्ट ने लिखाधारा 124-ए को लेकर सरकार-पुलिस के तर्क खारिज

मुंबईMay 06, 2022 / 06:19 pm

Chandra Prakash sain

सेना कोर्ट ने रक्षा-मंत्रालय के आदेश को दरकिनार करते हुए दिया दिव्यांगता पेंशन देने का आदेश

मुंबई. हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तार अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत पर रिहायी आदेश में मुंबई की विशेष अदालत ने अहम बात कही है। आदेश में लिखा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पाठ से जुड़ी बयानबाजी कर राणा दंपती ने अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा लांघी है। लेकिन, महज भड़काऊ-अपमानजनक बयान के मद्देनजर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का कोई ठोस आधार नहीं है। विशेष अदालत ने बुधवार को दोनों की जमानत अर्जी मंजूर की थी। बेल ऑर्डर मिलने के बाद गुरुवार को नवनीत व रवि राणा जेल से रिहा किए गए। कोर्ट का विस्तृत आदेश शुक्रवार को मिला। मुंबई पुलिस ने दोनों की जमानत पर रिहायी का विरोध किया था। सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा था कि राणा दंपती की योजना से अपराध की मंशा नहीं दिखती है। वास्तव में यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ ‘बड़ी साजिशÓ थी। इनका मकसद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाडऩा था ताकि राज्यपाल से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा सके। राणा दंपती को पुलिस ने 23 अप्रेल को गिरफ्तार किया था।

…तो देशद्रोह का केस
कोर्ट के आदेश में लिखा है कि देशद्रोह (124-ए) कानून की धारा तब लागू होंगे जब लिखित और बोले गए शब्दों में हिंसा का सहारा लेकर सार्वजनिक शांति को भंग करने या अशांति पैदा करने की प्रवृत्ति या इरादा हो। राणा दंपती के बयान ‘दोषपूर्णÓ हैं। लेकिन, वे इतने पर्याप्त भी नहीं कि उन्हें राजद्रोह के आरोप के दायरे में लाया जा सके।

राउत बोले-राहत घोटाला
राणा दंपती को कोर्ट से मिली जमानत पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने शुक्रवार को विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत बेहतर थी। देश में राहत घोटाला चल रहा है। इसके कई पहलू हैं। अपराध व आरोप सिर्फ हमारे खिलाफ सिद्ध हो रहे। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे ही आरोप अन्य के खिलाफ क्यों साबित नहीं हो रहे। आइएनएस विक्रांत से जुड़े मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया को राहत देने से जुड़े कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे। इंडियन बार एसोसिएशन नेे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, राज्यसभा सदस्य राउत व अन्य के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज किया है।

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