महाराष्ट्र की महायुति सरकार की तीखी आलोचना करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास गड्ढों की मरम्मत के लिए पैसे नहीं है। वे ‘लाडली बहन’ और ‘लाडला भाई’ के लिए पैसा कैसे जुटाएंगे?
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इस दौरान ठाकरे ने अपनी पार्टी के भीतर दलबदल की अटकलों को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि मेरी पार्टी के कुछ लोग भी किसी अन्य दल में शामिल होना चाहते हैं। मैं उनके लिए रेड कार्पेट बिछाता हूं। वे तुरंत जा सकते हैं। मनसे में टिकट केवल उम्मीदवार की साख और जीतने की संभावना के आधार पर दिया जाएगा।” आगामी चुनावों की तैयारी को लेकर राज ठाकरे ने खुलासा किया कि मनसे हर जिले में सर्वे करा रही है। उन्होंने कहा, मैंने सर्वे करने के लिए हर जिले के लिए 4 से 5 सदस्यों को नियुक्त किया था। उन्होंने उन क्षेत्रों के प्रमुख लोगों और पत्रकारों से बात की। अब वहीँ टीम दूसरे दौर का सर्वे करेगी।किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी मनसे
ठाकरे ने घोषणा की कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ चुनाव पर विस्तृत चर्चा के लिए 1 अगस्त से महाराष्ट्र का दौरा शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, “हम आगामी विधानसभा चुनाव में 200 से 250 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मैं किसी भी कीमत पर अपने पार्टी कार्यकर्ता को सत्ता में बैठाना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि आप आगामी चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करें।” 2019 के विधानसभा चुनाव में मनसे ने केवल 1 सीट जीती थी। जबकि हाल के लोकसभा चुनावों के दौरान मनसे ने बीजेपी का समर्थन किया था। राज ठाकरे मुंबई में पीएम मोदी की जनसभा में भी शामिल हुए थे।
अक्टूबर में बज सकता है चुनावी बिगुल
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं। वर्तमान राज्य विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2024 में समाप्त होगा। इसलिए संभावना है कि अक्टूबर में राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज सकता है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस 13 सांसदों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जबकि उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) के 9 और एनसीपी (शरद पवार) के 8 सांसद निर्वाचित हुए है। इसके साथ ही राज्य में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने 48 में से 30 सीटें जीतीं।
वहीँ, महायुति केवल 17 सीटों पर सफल हुई। बीजेपी ने आम चुनाव में महाराष्ट्र में खराब प्रदर्शन किया और 2019 के 23 निर्वाचन क्षेत्रों के मुकाबले केवल 9 सीटें जीत सकी। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 7 सीटें और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सिर्फ एक सीट मिली है।