जानकारी के मुताबिक, मनसे ने कस्बा उपचुनाव में एमवीए के रविंद्र धंगेकर के प्रचार करने पर अपने सात पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया। उसके बाद राज ठाकरे की पार्टी मनसे में बड़ी फूट पड़ गई. उपचुनाव से ठीक पहले मनसे के 50 से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। जिससे राजनीतिक हलकों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है।
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कस्बा विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला बीजेपी के हेमंत रासने और एमवीए के रवींद्र धंगेकर के बीच होने की संभावना है। दरअसल मनसे ने कस्बा और चिंचवड उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे है और बीजेपी को समर्थन कर रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है, मनसे के कई नेता कस्बा क्षेत्र में खुलकर एमवीए उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे है। हालांकि जब इसकी भनक पार्टी को लगी तो एक्शन का सिलसिला शुरू हुआ। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के निर्देश पर मनसे के सात पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। मनसे के सातों निष्काषित पदाधिकारियों पर कसबा सीट पर पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाकर महाविकास अघाडी उम्मीदवार के लिए प्रचार करने का आरोप है। इस कार्रवाई के बाद करीब 50 अन्य पदाधिकारियों ने मनसे से इस्तीफा दे दिया। सभी ने मनसे नगर अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा है।
गौरतलब हो कि कस्बा पेठ की बीजेपी विधायक व पुणे की पूर्व महापौर रहीं मुक्ता तिलक का 22 दिसंबर को कैंसर से निधन हो गया था। वहीँ, बीजेपी नेता लक्ष्मण जगताप का 3 जनवरी को बानेर (Baner) के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह 59 वर्ष के थे। चुनाव आयोग (ECI) द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, दोनों सीटों के लिए मतदान 26 फरवरी को होगा। जबकि परिणाम 2 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
बीजेपी ने कस्बा पेठ निर्वाचन क्षेत्र से हेमंत रसाने, जबकि चिंचवड सीट से अश्विनी जगताप को मैदान में उतारा है। जबकि एमवीए की तरफ से कांग्रेस ने कस्बा पेठ से रवींद्र धंगेकर को उम्मीदवार बनाया है और रांकपा ने चिंचवड से नाना कटे (Nana Kate) को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।