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नाबालिग आरोपी को बुधवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद बोर्ड ने मुख्य आरोपी की रिमांड 25 जून तक बढ़ा दी है। यानी उसे अब 25 जून तक सुधार गृह में ही रहना पड़ेगा। पुलिस ने दावा किया है कि हादसे के समय नामी बिल्डर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा नशे की हालत में लक्जरी कार चला रहा था। पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोप है कि किशोर के परिवार ने उसे बचाने के लिए पूरे सरकारी सिस्टम को उथल-पुथल कर दिया।किशोर के माता-पिता और दादा जेल में
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को पोर्शे कार से हुए हादसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियरो अनीस अहुदिया (24) और अश्विनी कोस्टा (24) की मौत हुई थी। पुलिस के मुताबिक, हादसे के समय रिएल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा नशे की हालत में लक्जरी कार चला रहा था। पुलिस ने दुर्घटना के बाद 17 साल 8 महीने के आरोपी को पकड़कर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया, लेकिन उसे मामूली शर्तों पर जमानत मिल गई। इसका भारी विरोध हुआ तो पुलिस और सरकार एक्शन में आई। जिसके बाद नाबालिग आरोपी को बोर्ड ने सुधार गृह भेज दिया।
पुलिस ने इस हादसे को लेकर तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अग्रवाल परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल ब्लड सैंपल में हेराफेरी के आरोप में पुलिस हिरासत में हैं, जबकि दादा सुरेंद्र अग्रवाल अपने पोते के बजाय अपराध की जिम्मेदारी लेने के लिए परिवार के ड्राइवर का अपहरण करने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं।