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पुणे कांड के नाबालिग आरोपी के पिता और दादा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को बड़ी टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़ित परिवार सदमे में हैं। लेकिन शराब के नशे में हादसे को अंजाम देने वाला किशोर भी सदमे में है। स्वाभाविक रूप से इसका असर उसके दिमाग पर पड़ा होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 25 जून को फैसला सुनाएगी। पुणे हिट एंड रन कांड के मुख्य आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 25 जून तक सुधार गृह भेजा है।
पिछले हफ्ते नाबालिग आरोपी के माता-पिता ने अदालत से राहत नहीं मिली है। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दो दिन पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उनके 17 वर्षीय बेटे की रिमांड 25 जून तक बढ़ा दी थी।
पिछले हफ्ते किशोर के पिता विशाल अग्रवाल और मां शिवानी अग्रवाल और एक अन्य आरोपी अशफाक मकंदर को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। हादसे के बाद ससून अस्पताल में भेजे गए नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल में कथित हेरफेर के आरोप में दंपत्ति को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को पोर्शे कार से हुए हादसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियरो अनीस अहुदिया (24) और अश्विनी कोस्टा (24) की मौत हुई थी। दोनों मध्य प्रदेश के मूल निवासी थे और काम के सिलसिले में पुणे में रह रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, हादसे के समय रिएल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा नशे की हालत में लक्जरी कार चला रहा था। पुलिस ने दुर्घटना के बाद 17 साल 8 महीने के आरोपी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया, लेकिन उसे मामूली शर्तों पर जमानत मिल गई। इसका भारी विरोध हुआ तो पुलिस और सरकार एक्शन मोड में आई। जिसके बाद नाबालिग आरोपी को बोर्ड ने सुधार गृह भेज दिया।
पुलिस ने इस हादसे को लेकर तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अग्रवाल परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल ब्लड सैंपल में हेराफेरी के आरोप में पुलिस हिरासत में हैं, जबकि दादा सुरेंद्र अग्रवाल अपने पोते के बजाय अपराध की जिम्मेदारी लेने के लिए परिवार के ड्राइवर का अपहरण करने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं।