पुणे क्राइम ब्रांच ने ससून के फॉरेंसिक लैब हेड डॉक्टर अजय तावरे और एक अन्य डॉक्टर श्रीहरी हरलोर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ससून और निजी अस्पताल के फॉरेंसिक लैब में भेजे गए खून के नमूने एक ही व्यक्ति के हैं या नहीं। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को तड़के किशोर ने अपनी पोर्श कार से बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरो अनीस अहुदिया (24) और अश्विनी कोस्टा (24) को कथित तौर पर टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गयी। पुलिस ने दावा किया है कि हादसे के समय नामी बिल्डर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा नशे की हालत में कार चला रहा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तारी के 8 घंटे बाद किशोर का ब्लड टेस्ट किया गया। जिसमें खुलासा हुआ कि उसने शराब नहीं पी थी। हालांकि, पुलिस द्वारा जब्त किए गए सीसीटीवी फुटेज और पब-बार बिल से पता चला कि उसने शराब पी रखी थी। इसके बाद पुलिस ने एक बार फिर उसके खून के नमूने जांच के लिए भेजे।
अब इस मामले में ससून के दो डॉक्टरों पर नाबालिग आरोपी की ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप है। पुलिस जांच में पता चला है कि पुणे के सरकारी अस्पताल ससून के दोनों डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदल दिया था।
डॉ अजय तावरे ससून अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर हैं। उनके साथ डॉ. श्रीहरि हरलोर के खिलाफ भी पुलिस ने एक्शन लिया। दोनों को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की जा रही है। हिरासत मांगने के लिए दोनों आरोपियों को पुलिस आज दोपहर में शिवाजी कोर्ट में पेश कर सकती है।
ड्राइवर बदलने की कोशिश
पुलिस ने कहा, पोर्शे से हादसे के बाद नाबालिग को बचाने के लिए ड्राइवर बदलने की भी कोशिश की गई थी। पुणे सीपी अमितेश कुमार ने कहा कि मामले की बारीकी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच की जा रही है। पीड़ित को न्याय मिलेगा और आरोपी को सजा दी जाएगी।
2 पुलिस अधिकारी सस्पेंड
इससे पहले इस मामले में येरवडा पुलिस स्टेशन के दो पुलिस अधिकारियों को कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है। आरोप है कि पुलिस निरीक्षक राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ टोडकरी ने 19 मई को हादसे के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को देरी से सूचना दी. इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया। इस मामले में आरोपी के पिता रिएल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल पहले से जेल में बंद है। जबकि मुख्य आरोपी नाबालिग भी बाल सुधार गृह भेजा गया है।