बता दें कि प्रकाश आंबेडकर ने इसके पीछे वजह भी बताई है। प्रकाश आंबेडकर के मुताबिक, अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के ऐसे कई नेता हैं जिनका एनडीए से कुछ लेना देना नहीं है, लेकिन वे द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान करना चाहते हैं। ऐसे में यशवंत सिन्हा को चुनाव से बाहर हो जाना चाहिए। 18 जुलाई को होने वाले मतदान की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बार मतगणना 21 जुलाई को होगी और इसी दिन देश के नए राष्ट्रपति का एलान किया जाएगा।
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वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने यह मांग सोशल मेडियर पर की है. प्रकाश आंबेडकर के इस ट्वीट से यह तस्वीर एकदम साफ हो गई है कि प्रकाश आंबेडकर भी एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने वाले हैं। इससे पहले यूपीए में रहते हुए शिवसेना ने भी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया है। प्रकाश आंबेडकर ने ट्वीट में लिखा कि मैं मिस्टर यशवंत सिन्हा से राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर आने की अपील कर रहा हूं क्योंकि सभी पार्टियों के कई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्य मैडम द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट देने इच्छुक हैं।
इससे पहले शनिवार को आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी। आज सांसद संजय सिंह ने कहा कि हम द्रौपदी मुर्मू का सम्मान करते हैं लेकिन वोट यशवंत सिन्हा को करेंगे। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों की कुल संख्या को मिलाकर वोट की वैल्यू निकाली जाती है। फिलहाल देश में कुल वोट वैल्यू 1,086,431 है। किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए 543,216 वोटों की जरूरत होती है। सूत्रों की माने तो फिलहाल एनडीए के खाते में कुल 533,751 वोट हैं, जबकि यूपीए के पास 360,362 वोट हैं।