शिवसेना ने आज सामना संपादकीय में बेरोजगारी पर टिप्पणी की गई है। सामना में कहा गया है कि देश में बेरोजगारी की समस्या दिनों दिन विकराल होती जा रही है। सीएमआईई द्वारा जारी नई रिपोर्ट ने साबित कर दिया है कि देश में बेरोजगारी की बढ़ती संख्या विस्फोटक स्तर पर है। लेकिन केंद्र सरकार बेरोजगारी की समस्या का हल निकालने की बजाय अर्थव्यवस्था कितनी तेजी से दौड़ रही है, इसकी आभासी तस्वीर पेश करने में लगी है।
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शिवसेना ने कहा कि सरकार देश का औद्योगिक उत्पादन कैसे तेजी से बढ़ रहा है इसके चौंका देने वाले आंकड़ों की घोषणा कर रही है। लेकिन बेरोजगारी संकट के बारे में कुछ नहीं कह रही है? सामना में लिखा कि देश में बेरोजगारी की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है। सामना में कहा गया कि देश के युवा काम की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन चूंकि किसी सरकारी या निजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध नहीं हैं। शिवसेना ने सवाल पूछा कि क्या बेरोजगारी का यह बढ़ता संकट और रोजगार की तलाश में युवाओं का रोना सरकार के बहरे कानों तक पहुंचेगा?
गौर हो कि इससे पहले शिवसेना ने केंद्र को महंगाई के मसले पर घेरा था। शिवसेना ने कहा था कि गणपति बप्पा देश को ‘निर्भय’ बना दो, देश की जनता की आज आपसे यही दुआ है। उसे स्वीकार करें। सामना में शिवसेना ने कहा कि एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ सरकार के जुल्म से देश का दम घुट रहा है। कोरोना संकट भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उत्पीड़न का संकट अभी भी बना हुआ है।