पिछले दो वर्षों में महाराष्ट्र के दो बड़े दल- शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंट गई। हालांकि इन दोनों दलों का एक-एक समूह बीजेपी नीत एनडीए में शामिल हो गया। जबकि दूसरा धड़ा कांग्रेस के साथ महाविकास आघाडी (MVA) गठबंधन में विपक्ष की भूमिका में है।
मराठवाडा में सूपड़ा साफ!
मतदाताओं ने एनडीए को तगड़ा झटका दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो बीजेपी को 14 सीटों का नुकसान हुआ है। कई दिग्गज नेता और मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। मराठवाडा में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया, जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले के विदर्भ क्षेत्र से बीजेपी सिर्फ 2 सीटों पर जीत सकी।
PM मोदी के प्रचार से नहीं बदले नतीजे
चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में जिन-जिन निर्वाचन क्षेत्रों में पीएम मोदी ने प्रचार किया था, उनमें से अधिकांश पर सत्तारूढ़ गठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा है। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की 18 लोकसभा सीटों पर कई सार्वजनिक सभाएं और रोड शो किये थे। लेकिन इनमें से 15 सीटों पर महायुति उम्मीदवार जीतने में नाकाम रहे है। चुनाव आयोग के मुताबिक, महाराष्ट्र में कांग्रेस को 13, बीजेपी को 9, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को 9, एनसीपी (शरद पवार) को 8, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 7, एनसीपी (अजित पवार) को एक और अन्य को एक सीट मिली है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) है। महायुति के तीनों दल एनडीए और एमवीए के तीनों दल ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।