पालघर में शुक्रवार को 76000 करोड़ के वधावन पोर्ट परियोजना का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर माफी मांगी। पीएम मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज मेरे आराध्य देव हैं, मैं उनके चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगता हूं।
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पीएम मोदी ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज… मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।“ कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। उनको पाश्चाताप नहीं होता है… महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है।“
गौरतलब है कि 35 फुट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को राजकोट किले पर नौसेना दिवस (Navy Day) समारोह के हिस्से के रूप में किया था।
मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को दोपहर में अचानक ढह गई। इस संबंध में सिंधुदुर्ग पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल (Chetan Patil) और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के लिए युद्ध स्तर पर निर्णय ले रही है। शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की जांच के लिए और फिर से भव्य प्रतिमा स्थापित करने के लिए दो समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने विपक्षी दलों से इस मामले पर राजनीति नहीं करने की गुजारिश की।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के विरोध में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी ने 1 सितंबर को मुंबई में मार्च निकालने की योजना बनाई है। एमवीए पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष को ऐसी ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए। राजकोट किले पर शिवाजी महाराज की मूर्ति का निर्माण भारतीय नौसेना ने करवाया था। राज्य सरकार अब उसी स्थान पर मराठा राजा की एक विशाल प्रतिमा स्थापित करेगी। इस मामले जो भी दोषी है किसी को बख्शा नहीं जाएगा।