महाराष्ट्र से टाटा-एअरबस सी-295 परिवहन विमान परियोजना पडोसी राज्य में जाने की घोषणा के बाद से विपक्ष ने शिंदे-फडणवीस सरकार को आड़े हाथों लिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार की आलोचना करते हुए कहा, इसके साथ महाराष्ट्र ने एक और बड़ी परियोजना खो दी। उन्होंने शिंदे सरकार से यह भी पूछा कि जो परियोजना महाराष्ट्र में आने वाली थी, वह पड़ोसी राज्य में क्यों चली गई। उन्होंने मौजूदा सरकार पर राज्य की प्रगति को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया और राज्य के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहने के लिए निशाना साधा।
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वहीँ, राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने दावा किया कि शिंदे-बीजेपी की सरकार ने परियोजनाओं को गुजरात में इसलिए ट्रांसफर किया, ताकि आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव बीजेपी जीत सके। बीजेपी ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पूर्व की महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने प्रस्तावित परियोजना पर आगे बढ़ने के लिए कुछ नहीं किया था। टाटा-एयरबस परियोजना पर राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने प्रतिक्रिया देते हुए खुलासा किया है कि एयरबस प्रोजेक्ट को गुजरात ले जाने का फैसला कंपनी ने एक साल पहले ही ले लिया था। इस साल सितंबर में मुख्यमंत्री शिंदे के वफादार उदय सामंत ने कहा था कि टाटा-एअरबस विमान विनिर्माण परियोजना महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में नागपुर के समीप स्थापित की जाएगी।
आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?
आदित्य ठाकरे ने पुणे जिले की शिरुर तहसील में मीडिया से बातचीत में पूछा, ‘‘क्या राज्य सरकार जवाब देगी कि ये परियोजनाएं बाहर क्यों जा रही हैं? यह (टाटा-एअरबस) चौथी परियोजना है जो महाराष्ट्र में गद्दार सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य से दूर चली गयी है। वे हमेशा दावा करते हैं कि उनकी डबल-इंजन की सरकार है लेकिन केवल केंद्र सरकार का इंजन काम कर रहा है जबकि राज्य सरकार का इंजन फेल हो गया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री शिंदे आए दिन दिल्ली जाते हैं लेकिन वे वहां अपने लिए जाते हैं न कि महाराष्ट्र के लिए। मैंने उन्हें कभी यह कहते नहीं सुना कि टाटा-एअरबस परियोजना को महाराष्ट्र में आना चाहिए था। वेदांता फॉक्सकॉन, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और अब टाटा एअरबस समेत परियोजनाएं गुजरात चली गयी हैं।’’
क्या है यह प्रोजेक्ट?
यूरोपीय कंपनी एयरबस और भारतीय समूह टाटा का एक कंसोर्टियम (संघ) गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमान का निर्माण करेगा। इस परियोजना के तहत पहली बार निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान का निर्माण भारत में किया जाना है। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है, जिससे 56 विमान बनेंगे।
वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना भी गुजरात गई
पिछले महीने भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण कंपनी फॉक्सकॉन की संयुक्त सेमीकंडक्टर परियोजना गुजरात में स्थापित करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। पहले यह परियोजना पुणे शहर के समीप स्थापित की जानी थी। सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे लगभग एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।