मुंबई. म्हाडा में अधिकारियों के साठगांठ से लगातार अलग-अलग भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। वर्षों से सामाजिक संस्था, एनजीओ, बिल्डरों और म्हाडा के अधिकारियों की आपसी समझौते व मिलीभगत से म्हाडा प्राधिकरण को हर साल करोड़ों के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ‘पत्रिका‘ लगातार म्हाडा के राजस्व फायदे के लिए दस्तावेज और संबंधित जिम्मेदार अधकारियों के बयान पर बारंबार नए-नए घोटाले उजागर कर रहा है। म्हाडा के अधिकारियों की साठगांठ और पोल खोल सीरीज में अब नया मामला अंधेरी के ओशिवारा के बेहरामबाग के रायगढ़ मिलीटरी स्कूल ट्रस्ट का प्रकाश में आया है, जिसमें संस्था ने म्हाडा से स्कूल खोलने के नाम पर अरबों की जमीन लाखों में भाड़े पर लेकर करोड़ों रुपये की बकाया भाड़ा राशि भी भरने से अब मुकर रही है।
ओशिवारा में जमीन घोटाला : FIR दर्ज करने के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं Patrika Expose : ओशिवारा में सवा दो एकड़ भूखंड घोटाले का मामला IMAGE CREDIT: Rohit K Tiwari 11 हजार 231 चौरस मीटर जमीन का मामला…
दरअसल, सन 2002 में महाराष्ट्र शासन ने राज पुरोहित ट्रस्ट व रायगड सैनिक शिक्षण संस्थान के नाम पर जमीन देने का आदेश दिया था। इसके उपरांत म्हाडा ने कई भागों में बंटे सीटीएस नंबर 99 में कुल 11 हजार 231 चौरस मीटर जमीन संस्था को लीज पर सौंप दी थी। वहीं म्हाडा ने शुरुआती दौर में महीने का लगभग 83 लाख भाड़ा तय कर सन 2005 में जमीन 30 साल के लिए लीज पर दे दिया था ।
म्हाडा जमीन पर अवैध स्कूल-कॉलेज, बच्चों की जान से खिलवाड़ क्यों? वीडियो देखें डेवलपर्स ही म्हाडा को लगा रहे करोड़ों की चपत 5 करोड़ बकाया राशि को कराना चाहता है माफ….
उस समय पर करोड़ों रुपयों की इस जमीन की कीमत अब अरबों रुपयों तक जा पहुंची है। लेकिन संस्थान ने 2007 से म्हाडा को किराया देना बंद कर दी। म्हाडा की ओर से तय भाड़े की और पैनाल्टी को मिलाकर अब तक कुल 5 करोड़ 97 लाख 51 हजार 383 रुपये किराया बकाया है। हालांकि संस्था ने खानापूर्ति के लिए लगभग 24 लाख ही भाड़ा एक बार चुकाया, जबकि बाकी के बकाए के लिए अधिकारियों से चापलूसी और साठगांठ कर कठोर कार्रवाई से अब तक बचता चला आया है।
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म्हाडा ने 2004 में जब संस्था को 30 साल तक 1 रुपये भाड़े के दर पर दिया, लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगाई गई कि आरक्षित जमीन बचाकर रखना है, लेकिन व्यापार के दृष्टिकोण से प्रयोग हो रहे जमीन पर हुए निर्माण से आ रहे राजस्व से अपने हिस्से का राजस्व और जमीन का किराया मिलाकर इतनी भारी भरकम राशि बकाया हो गई है कि अब इसे भरने में संस्था म्हाडा से तरह-तरह के बहाने बनाते हुए आनाकानी कर रही है।
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– बी. राधाकृष्णन, सीओ, मुंबई बोर्ड म्हाडा घोटाला: आवास विकास मंत्री के आदेश पर कार्रवाई नहीं धोखाधड़ी: अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डर ने म्हाडा को पहुंचाया 2000 करोड़ का नुकसान IMAGE CREDIT: Rohit K Tiwari लोगों के संपर्क में हूं…
मैं काफी परेशान चल रहा हूं जबकि इस मामले पर मैं फिलहाल कुछ भी बोलना नहीं चाहता हूं। रही बात म्हाडा के करोड़ों रुपए बकाया की तो इसके लिए मैं संबंधित लोगों के संपर्क में हूं, जबकि इस मामले पर हमारे वकील भी पैरवी में लगे हुए हैं।
– राजू घरात, मालिकाना हक रखने वाले, ओशिवारा बिल्डर धड़ल्ले से कर रहा अवैध निर्माण कार्य, करोड़ों में बेचे जा रहे फ्लैट मुंबई में 1833 करोड़ का एफएसआई घोटाला