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मुंबई

महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण अध्यादेश के खिलाफ ओबीसी संगठन ने दायर की याचिका, बताया ‘असंवैधानिक’

Maratha Resevation: याचिका में कहा गया है कि सरकार का फैसला संविधान के खिलाफ लिया गया है।

मुंबईJan 31, 2024 / 03:29 pm

Dinesh Dubey

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मराठा आंदोलन जारी रहेगा- मनोज जरांगे

OBC on Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा शांत होता नजर नहीं आ रहा है। खबर है कि मराठा आरक्षण अधिसूचना को ओबीसी संगठनों द्वारा कोर्ट में चुनौती दी गई है। ओबीसी वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। उधर, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटील पहले ही कह चुके है कि वह याचिका दायर कर ओबीसी आरक्षण रद्द करने की मांग कर सकते है।
मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र देने को लेकर पिछले हफ्ते जारी महाराष्ट्र सरकार के जीआर ड्राफ्ट को ओबीसी संगठन ने कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने फैसला संविधान के खिलाफ जाकर लिया है।
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ओबीसी बनाम मराठा!

मनोज जरांगे के मुंबई आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के रिश्तेदारों को भी आरक्षण देने के लिए कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने का फैसला किया था। राज्य सरकार के इस निर्णय पर ओबीसी संगठन आक्रामक हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से इस संबंध में लगातार ओबीसी संगठन की बैठकें हो रही हैं। अब ओबीसी वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से वकील मंगेश ससाने ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
राज्य सरकार ने मराठाओं के परिजनों को कुनबी प्रमाणपत्र देने का निर्णय लिया है, यह संविधान के विरुद्ध है। इसलिए मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे सरकार के रुख को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई होने की उम्मीद है। इसलिए आने वाले समय में ओबीसी बनाम मराठा की कानूनी लड़ाई देखने को मिलने वाली है।

क्यों मचा हंगामा?

हाल ही में सीएम शिंदे ने ऐलान किया कि जब तक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता है, तब तक उन्हें ओबीसी को मिल रहे सभी लाभ मिलेंगे। इस संबंध में राज्य सरकार ने एक मसौदा अधिसूचना भी जारी की है, जिसमें कहा गया कि अगर किसी मराठा व्यक्ति के रक्त संबंधी के पास यह दर्शाने के लिये रिकॉर्ड है कि वह कृषक कुनबी समुदाय का है, तो उसे भी कुनबी के रूप में मान्यता दी जाएगी।
कृषक समुदाय ‘कुनबी’ ओबीसी के अंतर्गत आता है और जरांगे भी सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र मांग रहे है। जिससे सभी मराठों को राज्य में ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण मिल सके। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मांगें मान लिये जाने के बाद शनिवार को मनोज जरांगे ने अपना अनिश्चितकालीन उपवास खत्म किया।

छगन भुजबल कर रहे विरोध

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल मराठा आरक्षण का विरोध कर रहे है। इसको लेकर उन्होंने एनसीपी (अजित पवार) के नेता भुजबल ने मराठाओं को लेकर राज्य सरकार के रुख के खिलाफ है। उनका कहना है कि सरकार मराठा समुदाय को ओबीसी हिस्से का आरक्षण देने की कोशिश कर रही है और सभी ओबीसी नेताओं को एक साथ बुलाकर कई बैठकें कीं। हालांकि सरकार का कहना है कि किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा।

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