मुंबई में 4 जून को मतगणना केंद्र पर शिवसेना प्रत्याशी के रिश्तेदार के फोन से ईवीएम को अनलॉक किए जाने की खबरों को रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने पूरी तरह से गलत बताया है। उन्होंने कहा, “ईवीएम को अनलॉक करने के लिए ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती है।”
अखबार पर होगी कार्रवाई?
उन्होंने कहा, “ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी मोबाइल ओटीपी की भी जरुरत नहीं पड़ती… ईवीएम में कोई संचार उपकरण नहीं है इसलिए इसे फोन से कनेक्ट नहीं किया जा सकता है। ईवीएम स्वतंत्र रूप से काम करती है…यह किसी डिवाइस से कनेक्ट नहीं रहती। इसके लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है… मिड-डे अखबार को IPC की धारा 499, 505 के तहत मानहानि और झूठी खबर फैलाने के लिए नोटिस भेजा गया है।” मिड-डे के रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना नेता वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर के फोन का इस्तेमाल 4 जून को मुंबई के मतगणना केंद्र पर ईवीएम को अनलॉक करने में हुआ था। फोन पर ईवीएम को अनलॉक करने के लिए ओटीपी भेजा गया था। जबकि चुनाव आयोग के मुताबिक, ईवीएम में कोई वायरलेस संचार क्षमता ही नहीं होती है। इसलिए उसका कथित ओटीपी किसी फोन में आना संभव ही नहीं है।
कैसे जीते वायकर
मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के रवींद्र वायकर महज 48 वोटों के अंतर से जीते हैं। वायकर ने बेहद करीबी मुकाबले में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को शिकस्त दी। ईवीएम में एक वोट से पीछे वायकर डाक मतपत्र जोड़ने के बाद 48 वोट से जीत गए। चुनाव आयोग के अंतिम नतीजे के अनुसार, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के अमोल कीर्तिकर को कुल 4,52,596 वोट मिले, जबकि शिवसेना के रवींद्र वायकर को 4,52,644 वोट मिले। जांच में जुटी पुलिस
मुंबई की वनराई पुलिस ने पंडिलकर व चुनाव आयोग के मतदान कर्मी दिनेश गुरव के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें नोटिस भेजा है। पुलिस ने दोनों को जांच के लिए पेश होने के लिए कहा है। मोबाइल फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेजा गया है।
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वायकर के रिश्तेदार पंडिलकर पर 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के दिन गोरेगांव के नेस्को मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का आरोप है। आरोप है कि एक निर्दलीय उम्मीदवार ने मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के बावजूद पांडिलकर को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते देखा था। मामले की जांच जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया और चुनाव आयोग को घेरा।