केंद्रीय परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी। लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। हालाँकि, नितिन गडकरी ने उस नेता का नाम नहीं बताया जिसने उनसे संपर्क किया था।
सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता- गडकरी
केंद्रीय मंत्री नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री पद की पेशकश के साथ मुझसे संपर्क किया। मुझसे कहा गया कि अगर मैं सहमति दे दूं तो वे मुझे प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम शुरू कर देंगे।” नितिन गडकरी ने कहा, “मैंने तुरंत प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। मैंने उस नेता से स्पष्ट रूप से कहा, मैं विचारधारा और दृढ़ विश्वास को मानने वाला व्यक्ति हूं। मैं हमेशा सिद्धांतों पर जीता और काम करता हूं। मैंने उस नेता को यह भी साफ-साफ बता दिया कि मैंने कभी भी देश का पीएम बनने की महत्वाकांक्षा नहीं पाल रखी थी। इसलिए कोई ऑफर लेने का सवाल ही नहीं उठता. मेरी परवरिश ऐसी हुई है कि मैं कुछ सिद्धांतों और दृढ़ विश्वास पर जीया हूं, जिनसे समझौता नहीं किया जा सकता है और उनसे समझौता नहीं किया जा सकता है।“
कौन है वो नेता?
हालांकि, गडकरी ने उस विपक्षी नेता के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की, लेकिन उनके इस खुलासे से बीजेपी के भीतर ही खलबली मच सकती है। गौरतलब हो कि आरएसएस-बीजेपी से जुड़े होने के बावजूद गडकरी के कांग्रेस सहित सभी दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो गडकरी के शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ-साथ एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार दोनों के साथ अच्छा तालमेल हैं। विरोधी पार्टियों से होने के बावजूद अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में पवार और गडकरी एक मंच पर नजर आते हैं और एक-दूसरे की प्रशंसा भी करते हैं। उद्धव गुट के नेता भी खुलकर बीजेपी नेता की तारीफ करते हैं।