एनआईए (NIA) की जांच में खुलासा हुआ है कि स्कूल में कैंप के दौरान मुस्लिम युवाओं को समुदाय विशेष के नेताओं और संगठनों पर हमले की भी ट्रेनिंग दी जाती थी। आरोप है कि ब्लू बेल स्कूल (Blue Bell School) बिल्डिंग की चौथी और पांचवीं मंजिल का इस्तेमाल पीएफआई द्वारा देश विरोधी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाने और तैयारी करने के लिए किया गया। जहां पीएफआई भोले-भाले मुस्लिम युवकों को संगठन में भर्ती करवाता और उनका ब्रेन वॉश करता। इस दौरान युवकों को 2047 तक देश में इस्लामिक शासन की स्थापना का सपना दिखाया जाता और उसका विरोध करने वालों को खत्म करने व उन पर हमला करने के लिए सशस्त्र प्रशिक्षण भी दिया जाता था।
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भारत में 2047 से पहले इस्लामिक शासन लागू करना चाहती थी पीएफआई
केंद्रीय जांच एजेंसी ने 18 मार्च को एनआईए की विशेष अदालत दिल्ली में पीएफआई (संगठन के तौर पर) सहित 20 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। एनआईए ने पिछले साल 22 सितंबर को स्कूल परिसर की दोनो मंजिलों की तलाशी ली थी। तब एजेंसी ने आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे, जिनसे पता चला था कि स्कूल परिसर में ही देश विरोधी गतिविधियां चल रही है। उक्त संपत्ति का इस्तेमाल आरोपियों द्वारा किया गया था, जो सीधे तौर पर पीएफआई से जुड़ा पाया गया था। वहां पीएफआई अपने कैडरों के लिए शस्त्र प्रशिक्षण आयोजित करता था। कैडरों को हिंसक जिहाद के लिए उकसाया जाता था। जांच में खुलासा हुआ कि नए भर्ती किए गए पीएफआई कैडरों को भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की संगठन की विचारधारा का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं पर हमला करने और उनकी हत्या करने के लिए चाकू, हंसिया आदि खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया गया था।
मामले में आरोपी व्यक्तियों और संदिग्धों की भूमिका का पता लगाने के लिए एनआईए वीभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आगे की जांच कर रही है। एनआईए पीएफआई की सारी गतिविधियों की जांच कर रही है। केंद्र सरकार ने पीएफआई को सितंबर 2022 में गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए बैन कर दिया है।