एनएचआरसी (National Human Rights Commission) ने नांदेड और छत्रपति संभाजी नगर (Aurangabad) के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत पर संज्ञान लिया है। आयोग ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है। आयोग की टीम दोनों सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण भी करेगी।
हाल के दिनों में नांदेड जिले के डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (Shankarrao Chavan Government Hospital) और छत्रपति संभाजी नगर स्थित सरकारी अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, इन अस्पतालों में कथित तौर पर चिकित्सा सहायता की कमी और आवश्यक दवाओं की कमी के कारण मरीजों की मौत हुई है।
महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया गया है और चार सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में अस्पतालों की बुनियादी ढांचे की स्थिति के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों की आवश्यक और वर्तमान संख्या के साथ-साथ मरीजों के लिए उपलब्ध दवाओं और नैदानिक सुविधाओं की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए।
इस बीच, डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल के डीन एसआर वाकोडे (Dr Shyamrao Wakode) समेत अस्पताल के बाल रोग विभाग के एक डॉक्टर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इसी अस्पताल में 30 सितंबर की रात 12 बजे से 1 अक्टूबर की रात 12 बजे तक 24 मरीजों की मौत हो गयी थी। जिसमें 12 नवजात बच्चे भी शामिल थे। यह अस्पताल मराठवाडा क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है।
बताया जा रहा है कि 22 वर्षीय महिला अंजलि वाघमारे को डिलीवरी के लिए नांदेड के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की नेचुरल डिलीवरी हुई और उसने एक लड़की को जन्म दिया। हालांकि, नवजात शिशु की शनिवार को ही मौत हो गयी। इसके बाद महिला की हालत भी बिगड़ गई और उसकी भी मौत हो गई। महिला के परिजनों ने नांदेड ग्रामीण पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी। जिसके बाद पुलिस ने डीन और संबंधित विभाग के मुख्य मेडिकल अधिकारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की। हालांकि मेडिकल कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।