‘राम मांसाहारी थे’ वाले बयान पर भड़के संत, कहा- NCP नेता जितेंद्र आव्हाड का वध कर दूंगा
फडणवीस ने साधा निशाना
उधर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी एनसीपी शरद पवार गुट के नेता आव्हाड के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “जितेंद्र आव्हाड का यह बयान मूर्खतापूर्ण है। वह सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसी बातें करते है। यह उनका स्वभाव है। भगवान राम सभी के हैं। यह कृत्य लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इस देश में ऐसा कौन सा बहुजन, दलित, आदिवासी है जिसके भगवान श्री राम नहीं हैं? इसलिए बेवजह का बयान देकर ठेस पहुंचाई जा रही है। सभी भगवान श्रीराम को मानते हैं। मुझे यह देखकर आश्चर्य हो रहा है कि जो लोग खुद को हिंदुत्ववादी मानते हैं वे इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। वे एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं हैं, यहां तक कि इसकी निंदा भी नहीं कर रहे हैं।”
क्या कहा था?
एनसीपी शरद गुट ने अहमदनगर जिले के शिरडी में दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर के पहले ही दिन बुधवार को आव्हाड ने आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे। बल्कि मांसाहारी थे। उन्होंने 14 वर्ष वनवास में बिताया था। वे शाकाहारी कैसे हो सकते हैं? वह शिकार करके खाते थे। राम बहुजनों के हैं। हम राम के पदचिन्हों पर चलते हैं। जब आव्हाड मंच से बोल रहे थे तो शरद पवार और सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं।
बाद में दी सफाई
गुरुवार को अहमदनगर में पत्रकारों से बात करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “मैं खेद व्यक्त करता हूं। मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम को लेकर उन्होंने जो बातें कही वह वाल्मीकि रामायण में लिखी है। जो 1891 में कोलकाता में छापी गई थी।