एनसीपी की उम्मीदवारों की पहली सूची में मंत्रियों समेत उन 26 विधायकों को इस बार भी प्रत्याशी बनाया गया है जो सत्तारूढ़ खेमे में शामिल होने के समय अजित पवार के साथ थे। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल को डिंडोरी, राज्य के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल को येवला, हसन मुश्रीफ को कागल, धनंजय मुंडे को परली और अदिती तटकरे को श्रीवर्धन से प्रत्याशी बनाया गया है। पिंपरी से अन्ना बनसोडे और अहेरी से धर्मराव बाबा आत्राम को उम्मीदवारी दी गई है।
वहीं, अर्जुनी मोरगाव से राजकुमार बडोले व अहमदनगर शहर से संग्राम जगताप को उतारा गया है। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत माणिकराव गावित के बेटे भरत गावित को नवापुर से उम्मीदवार बनाया गया है।
यह भी पढ़ें
महाराष्ट्र में फिर होगा पवार बनाम पवार, चाचा अजित को सीधे टक्कर देंगे भतीजे युगेंद्र?
बीजेपी के पूर्व नेता और पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले को अर्जुनी-मोरगांव निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया गया है। इसके साथ ही एनसीपी ने अमरावती से मौजूदा विधायक सुलभा खोडके और इगतपुरी से हीरामन खोसकर को भी उम्मीदवार बनाया है। यह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए थे।नवाब मलिक का नाम नहीं!
नवाब मलिक वर्तमान में मुंबई के अणुशक्तिनगर से विधायक हैं। अणुशक्तिनगर निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2008 में हुआ। इसके बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक इस सीट से चुने गए थे। पांच साल बाद 2014 में हुए चुनाव में इस सीट पर नवाब मलिक को शिवसेना के तुकाराम काटे ने हरा दिया। फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक अणुशक्तिनगर से दोबारा जीते। लेकिन इस बार के चुनाव में नवाब मलिक का टिकट कटना तय माना जा रहा है और उनकी जगह उनकी बेटी को अजित पवार गुट उम्मीदवारी दे सकता है। दरअसल नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इसके लिए उन्हें कई महीने जेल में भी रहना पड़ा और वह अभी खराब सेहत के चलते जमानत पर जेल से बाहर है। बीजेपी भी मलिक का खुलकर विरोध कर रही है। इन कई वजहों से चर्चा है कि नवाब मलिक की बेटी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें