अजित पवार ने रविवार को पांचवीं बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इसके साथ ही एनसीपी के 8 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में एनसीपी के कई विधायक-सांसद व नेता नजर आए थे। इसमें एक नाम सांसद अमोल कोल्हे (Amol Kolhe) का भी था। हालांकि, 24 घंटे के अंदर ही अमोल कोल्हे ने पलटी मार दी और ट्वीट कर स्पष्ट कहा कि वह शरद पवार के साथ खड़े हैं। जिससे छोटे पवार के खेमे में सेंधमारी की चर्चा छिड़ गई थी। हालांकि अब शिरूर से एनसीपी के लोकसभा सांसद (Shirur Lok Sabha Constituency) कोल्हे ने ऐलान किया है कि वह अपने पद से इस्तीफा देंगे। इसलिए आज वह पार्टी प्रमुख शरद पवार से मिलने वाले है।
मेरा इस्तीफा पहसे से था तैयार
अमोल कोल्हे ने कहा “जब मैं शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन गया, तभी मैंने अपने कार्यालय को मेरा इस्तीफा तैयार करने के लिए कह दिया था। क्योंकि मैं मतदाताओं का भरोसा तोड़ने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं। शिरूर निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने मुझे चुनते समय एक विचारधारा में विश्वास दिखाया था।“
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अमोल कोल्हे ने कहा कि वह अंतरात्मा की आवाज सुनकर शरद पवार के साथ है। उन्होंने अजित दादा के शपथ समारोह में उपस्थिति पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, ”मैं एक अलग काम के लिए अजित पवार के पास गया था। जब वहां गए तो पता चला कि हमें बीजेपी के साथ जाना पड़ सकता है। हालाँकि, यह पता नहीं था कि शपथ ग्रहण समारोह तुरंत होने वाला है।”मेरा इस्तीफा पहसे से था तैयार
अमोल कोल्हे ने कहा “जब मैं शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन गया, तभी मैंने अपने कार्यालय को मेरा इस्तीफा तैयार करने के लिए कह दिया था। क्योंकि मैं मतदाताओं का भरोसा तोड़ने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं। शिरूर निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने मुझे चुनते समय एक विचारधारा में विश्वास दिखाया था।“
शरद पवार को सौंपेंगे इस्तीफा
अमोल कोल्हे मंगलवार (4 जुलाई) को शरद पवार से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह शरद पवार को सांसद पद से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। एक न्यूज़ चैनल पर प्रतिक्रिया देते हुए अमोल कोल्हे ने कहा, ”पहले मुझे नहीं पता था कि कोई शपथ समारोह होने वाला है। जब शपथ ग्रहण शुरू हुआ तो मुझे आश्चर्य हुआ कि राजनीति किस दिशा में जा रही है। अगर मुझे जिम्मेदारी, विश्वसनीयता, नैतिकता इन सभी चीजों का त्याग करना पड़े तो मैं राजनीति में नहीं रहना चाहता हूँ। इसलिए मैं सांसदी से इस्तीफा दे दूंगा। मैं इस तरह की राजनीति नहीं कर सकता हूं।”