‘नौसेना दिवस 2023’ समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दो बड़े ऐलान भी किए। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि शिवाजी महाराज की शाही मुहर अब नौसेना की वर्दी पर होगी। साथ ही भारतीय नौसेना अब अपने पदों का नाम भारतीय परंपरा के अनुसार रखेगी। उन्होंने कहा, “आज 4 दिसंबर का ये ऐतिहासिक दिन हमें आशीर्वाद देता है- सिंधुदुर्ग का ऐतिहासिक किला, मालवण तारकरली का ये खूबसूरत किनारा, चारों ओर फैला छत्रपति का प्रताप।“
पीएम मोदी ने कहा, अपनी विरासत पर गर्व करने की भावना के साथ मुझे एक घोषणा करते हुए गौरव हो रहा है। भारतीय नौसेना अब अपने रैंक का नामकरण भारतीय परंपराओं के अनुरूप करने जा रही है। हम सशस्त्र बलों में अपनी नारीशक्ति की संख्या बढ़ाने पर भी जो दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, आज का भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और उसे पाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा रहा है। भारत के पास इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक बड़ी ताकत है। ये ताकत 140 करोड़ भारतीयों के विश्वास की है। भारत का इतिहास… विजय का इतिहास है, शौर्य का इतिहास है, ज्ञान और विज्ञान का इतिहास है, हमारी कला और सृजन कौशल का इतिहास है, हमारे सामुद्री सामर्थ्य का इतिहास है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “ये भारत के इतिहास का वो कालखंड है जो सिर्फ 5-10 साल का नहीं, बल्कि आने वाली सदियों का भविष्य लिखने वाला है। 10 वर्ष से भी कम के कालखंड में भारत, दुनिया में 10वें नंबर की आर्थिक ताकत से बढ़कर 5वें नंबर पर पहुंच गया है। अब तीसरे नंबर की आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। आज ‘मेड इन इंडिया’ की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। तेजस विमान हो या किसान ड्रोन, यूपीआई सिस्टम हो या फिर चंद्रयान-3, हर जगह, हर सेक्टर में मेड इन इंडिया की धूम है।“
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज का भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और उसे पाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा रहा है। भारत के पास इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक बड़ी ताकत है। ये ताकत 140 करोड़ भारतीयों के विश्वास की है।”
इससे पहले प्रधानमंत्री ने नौसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा था, मैं आज महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। इस स्थान का छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है, जिनका मजबूत नौसेना के निर्माण की दिशा में किये गए प्रयास विख्यात हैं।