यह प्राचीन मंदिर मौजूद है भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर, जहां एक बड़ा ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है- लोनावला (Lonavala)। लोनावला की कार्ला गुफाओं (Karla Caves) के पास देवी एकविरा का एक प्राचीन मंदिर मौजूद है। मान्यताओं के मुताबिक यह मंदिर यहां की गुफाओं से भी पुराना है।
पांडवों ने बनाया था मंदिर
कहते हैं कि अपने अज्ञातवास के दौरान जब पांडव यहां पहुंचे तब देवी एकविरा उनके सामने प्रकट हुई और उनकी कार्य दिशा की परीक्षा लेने के लिए उन्होंने पांडवों के सामने अपना एक मंदिर बनाने की चुनौती रखी। मगर साथ ही शर्त रखी थी कि वह मंदिर रातों-रात बनना चाहिए। पांडवों ने मंदिर बना दिया। उनकी इस भक्ति से देवी इतनी प्रसन्न हुई कि उन्हें वरदान दिया कि अपने अज्ञातवास के दौरान कभी भी उनकी पहचान नहीं हो पाएगी। और वो अपना एक साल का अज्ञातवास काटने में सफल होंगे।
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पांडवों ने बनाया था मंदिर
कहते हैं कि अपने अज्ञातवास के दौरान जब पांडव यहां पहुंचे तब देवी एकविरा उनके सामने प्रकट हुई और उनकी कार्य दिशा की परीक्षा लेने के लिए उन्होंने पांडवों के सामने अपना एक मंदिर बनाने की चुनौती रखी। मगर साथ ही शर्त रखी थी कि वह मंदिर रातों-रात बनना चाहिए। पांडवों ने मंदिर बना दिया। उनकी इस भक्ति से देवी इतनी प्रसन्न हुई कि उन्हें वरदान दिया कि अपने अज्ञातवास के दौरान कभी भी उनकी पहचान नहीं हो पाएगी। और वो अपना एक साल का अज्ञातवास काटने में सफल होंगे।
नवरात्रि में दर्शन के लिए आते हैं लाखों भक्त
एकविरा देवी आगरी-कोली समाज की प्रमुख देवी है और वो उन्हें अपनी कुलदेवी मानते हैं। हर साल दूर-दूर से आगरी-कोली समाज के लोग मां एकविरा के दर्शन करने यहाँ आते है। वैसे तो सालभर यहाँ दर्शनों का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन हर साल चैत्र नवरात्रि और नवरात्रि के समय यहां भक्तों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। उस दौरान लाखों की संख्या में भक्त यहाँ पहुंचते हैं।
एकविरा देवी (एकविरा आई मंदिर) सिर्फ आगरी-कोली समाज की ही आराध्य देवी नहीं है बल्कि द्रविड़ ब्राह्मण और कुछ अन्य समाज के लोग भी एकविरा देवी की पूजा करते हैं। वह भी यहां देवी के दर्शन को आते हैं।
कई नामों से होती है पूजा
देवी एकविरा की पूजा कई और नामों से भी की जाती है, जिनमें से एक प्रमुख नाम है- रेणुका। भारत के पडोसी देश नेपाल में देवी रेणुका को अमर ऋषि परशुराम की मां माना जाता है।
कई नामों से होती है पूजा
देवी एकविरा की पूजा कई और नामों से भी की जाती है, जिनमें से एक प्रमुख नाम है- रेणुका। भारत के पडोसी देश नेपाल में देवी रेणुका को अमर ऋषि परशुराम की मां माना जाता है।
शीतला माता मंदिर
लोनावला में देवी एकविरा माता का मुख्य मंदिर तो है ही साथ ही और भी कई देवियों के भी छोटे-छोटे मंदिर है। उन देवियों को एकविरा माता का अवतार माना जाता है और उनकी पूजा होती है। इनमें प्रमुख देवी है शीतला माता। एकविरा देवी में भक्तों की गहरी आस्था है और उनका विश्वास है देवी मां से जो भी मांगा जाता है, वह उनकी इच्छा जरूर पूरी कर देतीं हैं।
सदियों पुरानी है कार्ला गुफाएं
एकविरा आई मंदिर के साथ ही यहां की कार्ला गुफाएं भी अपने आप में ऐतिहासिक है। यह कभी बौध धर्म का एक बड़ा अहम केंद्र रही थी, यहां पहाड़ पर चट्टान को काटकर इन गुफाओं का निर्माण किया है। जो देखने में ही बहुत अद्भुत है। इन गुफाओं में आज भी भगवान बुद्ध की कई मूर्तियां विद्यमान है। जिनमें वें अलग-अलग मुद्राओं में नजर आ रहे हैं।
कार्ला गुफाओं का निर्माण दूसरी सदी ईसा पूर्व से लेकर पांचवीं सदी ईसवी तक किया गया था। माना जाता है कि यहाँ कि सबसे पुरानी गुफा 160 ईसा पूर्व में बनाई गई थी। यहाँ की मुख्य गुफा है, सबसे पुराणी गुफा चैत्य गुफा है।