महिला एवं बाल विकास बोर्ड के अधिकारियों द्वारा सभी बच्चों की काउंसलिंग के बाद तीन लड़कियों ने यौन शोषण होने की बात कबूल की है। जिसके बाद इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण अधिकारी रामकृष्ण रेड्डी ने एनआरआई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआरआई पुलिस ने पादरी येसुदासन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
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इस बीच घटना ने इलाके में सनसनी मचा दी है और अब परिजन आश्रम के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। आम जनता भी मांग कर रही है कि मामले की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जांच में पता चला है कि 12 से 14 साल की उम्र की तीन लड़कियों का यौन शोषण किया गया है। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें कई बार नशीली चीजें देकर सुलाया जाता है। इनमें से एक लड़की का गर्भपात होने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पीड़ित को लड़कियों को माता-पिता से भी मिलने नहीं दिया जाता था।
ठाणे महिला एवं बाल विकास विभाग को बेथेल गॉस्पेल चैरिटेबल ट्रस्ट के चर्च में बच्चों, मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर 45 बच्चों को छुड़ाया था। इन सभी को उल्हासनगर के सरकारी बाल गृह में रखा गया है।