राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) इस मामले में सख्त हुआ है। एनएचआरसी ने प्राइवेट शेल्टर होम में लड़कियों के कथित यौन शोषण की रिपोर्ट पर महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। आयोग का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि संबंधित जिले के अधिकारी शेल्टर होम का उचित पर्यवेक्षण करने में विफल रहे हैं। एनएचआरसी ने बयान जारी कर कहा है कि उसने इस मामले से जुड़ी मीडिया की खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है।
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आरोप है कि नासिक जिले में स्थित शेल्टर होम के संचालक हर्षल बालकृष्ण मोरे के वहां रह रही कई लड़कियों का यौन शोषण किया है। हर्षल के खिलाफ एक नाबालिग ने रेप करने का मामला दर्ज करावाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ दिनों पहले 14 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में हर्षल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एनएचआरसी ने कहा कि इस मामले में अगर सच्चाई है तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर मुद्दे को उठाती है। एनएचआरसी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
खबरों के मुताबिक, शेल्टर होम की 15 छात्राओं से पूछताछ की गई तो उनमें से छह ने आरोपी यानी संचालक हर्षल के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कानून के तहत मामला दर्ज किया है। फ़िलहाल आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है।