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Mumbai: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय की कंपनी पर एनएसई के पदाधिकारियों की फोन टैपिंग का आरोप, ईडी के हाथ लगे सबूत

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की मुश्किलें बढ़ गई है। गुरुवार को ईडी ने फोन टैपिंग मामले में सूचना रिपोर्ट दर्ज की। यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के अधिकारियों के अवैध फोन टैपिंग के मामले में गृह मंत्रालय के एक संदर्भ पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, चित्रा के कहने पर संजय पांडेय की कंपनी ने एनएसई के कम से कम 91 अफसरों के फोन टैप करके जासूसी की थी। ईडी को इसके सबूत मिले हैं।

मुंबईJul 18, 2022 / 03:12 pm

Siddharth

Sanjay Pandey

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की मुश्किलें बढ़ गई है। गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फोन टैपिंग मामले में सूचना रिपोर्ट दर्ज की। यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के अधिकारियों के अवैध फोन टैपिंग के मामले में गृह मंत्रालय के एक संदर्भ पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। इस बीच एनएसई की मैनेजिंग डायरेक्टर रहीं चित्रा रामकृष्ण से जुड़े नए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नया खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी को इस बात की खबर मिल गई है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय से संबंधित एक कंपनी ने एनएसई के कम से कम 91 पदाधिकारियों की कथित तौर पर जासूसी की थी। चित्रा के आदेश पर एनएसई के पदाधिकारियों के फोन टैप किए गए थे।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि चित्रा रामकृष्ण के निर्देश पर संजय पांडेय की कंपनी ने फोन टैपिंग की थी। इस मामले को लेकर चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ जारी है। इस बात की जांच हो रही हैं कि इतने सारे एनएसई अधिकारियों के फोन टैप कराने के पीछे क्या वजह थी। मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि ईडी को कुछ ऐसे दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक सबूत हाथ लगे हैं कि संजय पांडेय की कंपनी iSec सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने एनएसई के 91 पदाधिकारियों के फोन टैप किए थे। इतना ही नहीं बल्कि ईडी को ट्रांसक्रिप्ट और वॉइस रिकॉर्डिंग भी मिली हैं।
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बता दें कि संजय पांडेय की iSec कंपनी साल 2001 में स्थापित की गई थी। उस समय संजय पांडेय सर्विस में नहीं थे। संजय पांडेय ने 2006 में निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी मां संतोष और बेटे अरमान को निदेशक बना दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि कंपनी से इस्तीफा देने के बावजूद कंपनी को संजय पांडेय ही चला रहे थे। कंपनी और एनएसई के बड़े अधिकारियों के बीच हुई करीब सारी बातचीत संजय पांडेय के ईमेल के के द्वारा हुआ था।
साल 2018 के एनएसई गड़बड़ी मामले में ईडी ने इसी महीने 5 जुलाई को संजय पांडेय से पूछताछ की थी। यह मामला फोन टैपिंग का नहीं है, जिसमें एनएसई अधिकारियों की मिलीभगत से को-लोकेशन सुविधा में बदलाव करके कुछ ब्रोकर्स ने अच्छे पैसे कमा लिए थे। ईडी का मौजूदा मामला सीबीआई की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें चित्रा रामकृष्ण, संजय पांडेय, उनकी कंपनी और अन्य को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि मार्च 2022 में संजय पांडे को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। उन्होंने हेमंत नगराले को रिप्लेस कर उनकी जगह ली थी।

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