ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि चित्रा रामकृष्ण के निर्देश पर संजय पांडेय की कंपनी ने फोन टैपिंग की थी। इस मामले को लेकर चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ जारी है। इस बात की जांच हो रही हैं कि इतने सारे एनएसई अधिकारियों के फोन टैप कराने के पीछे क्या वजह थी। मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि ईडी को कुछ ऐसे दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक सबूत हाथ लगे हैं कि संजय पांडेय की कंपनी iSec सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने एनएसई के 91 पदाधिकारियों के फोन टैप किए थे। इतना ही नहीं बल्कि ईडी को ट्रांसक्रिप्ट और वॉइस रिकॉर्डिंग भी मिली हैं।
बता दें कि संजय पांडेय की iSec कंपनी साल 2001 में स्थापित की गई थी। उस समय संजय पांडेय सर्विस में नहीं थे। संजय पांडेय ने 2006 में निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी मां संतोष और बेटे अरमान को निदेशक बना दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि कंपनी से इस्तीफा देने के बावजूद कंपनी को संजय पांडेय ही चला रहे थे। कंपनी और एनएसई के बड़े अधिकारियों के बीच हुई करीब सारी बातचीत संजय पांडेय के ईमेल के के द्वारा हुआ था।
साल 2018 के एनएसई गड़बड़ी मामले में ईडी ने इसी महीने 5 जुलाई को संजय पांडेय से पूछताछ की थी। यह मामला फोन टैपिंग का नहीं है, जिसमें एनएसई अधिकारियों की मिलीभगत से को-लोकेशन सुविधा में बदलाव करके कुछ ब्रोकर्स ने अच्छे पैसे कमा लिए थे। ईडी का मौजूदा मामला सीबीआई की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें चित्रा रामकृष्ण, संजय पांडेय, उनकी कंपनी और अन्य को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि मार्च 2022 में संजय पांडे को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। उन्होंने हेमंत नगराले को रिप्लेस कर उनकी जगह ली थी।