मुंबई पुलिस ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज किया है। जब्त किये गए कफ सिरप (Codeine Phosphate Cough Syrup) की 4970 बोतलों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 22 लाख रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने कहा है कि सिरप की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसमें साइकोट्रोपिक पदार्थ (Psychotropic) होते हैं और इसलिए इसे बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं बेचा जा सकता है।
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रैकेट का पर्दाफाश तब हुआ जब पुलिस को पता चला कि दक्षिण मुंबई के मझगांव इलाके के पास एक खास ब्रांड का कफ सिरप खुलेआम बेचा जा रहा है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में सरगना को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एमआर (Medical Representative) का काम करता है। आरोप है कि उसने हिमाचल प्रदेश में बनी नकली खांसी की दवाई की बोतलें खुलेआम मझगांव के नरियलवाड़ी (Nariyalwadi) में सप्लाई की। अधिकारी ने बताया कि अन्य आरोपी को टेंपो में कफ सिरप बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। यह स्पष्ट है कि कफ सिरप का नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। इसलिए 150 रुपए की बोतल को 450 रुपए में बेचा जा रहा था।
पुलिस को शक है कि संबंधित कफ सिरप बनाने वाली कंपनी फर्जी हो सकती है और डुप्लीकेट ब्रांड के नाम से पूरा रैकेट चलाया जा रहा था। पुलिस ने कफ सिरप की 32 पेटी मझगांव से और 10 पेटी एंटॉप हिल (Antop Hill) से जब्त की हैं। आरोपियों को 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।