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Mumbai News: मुंबई में कचरा प्रबंधन फेल, फिर बढ़ी कचरे की समस्या; रोजाना निकाला जा रहा है 6500 मीट्रिक टन कूड़ा

मुंबई में अब रोजाना 6500 मीट्रिक टन कचरा पैदा हो रहा है। कोरोना महामारी के दौरान यह 3500 से 4000 मीट्रिक टन था। बीएमसी ने 2 अक्टूबर 2017 से सोसायटियों में कचरा प्रबंधन अनिवार्य किया है। इस बीच बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा है कि ज्यादा से ज्यादा सोसायटियों में कचरा प्रॉसेस हो इसके लिए हम जल्द ही अभियान चलाने वाले हैं।

मुंबईAug 17, 2022 / 05:39 pm

Siddharth

Garbage In Mumbai

कोरोना महामारी के दौरान मुंबई में साफ-सफाई का स्तर काफी बेहतर हो गया था। लेकिन कोरोना के प्रतिबंधों को हटाने के बाद मुंबई में एक बार फिर कचरे के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। अब मुंबई में रोजाना करीब 6500 मीट्रिक टन कचरा पैदा हो रहा है। कोरोना महामारी के दौरान यह 3500 से 4000 मीट्रिक टन था। बीएमसी ने 2 अक्टूबर 2017 से सोसायटियों में कचरा प्रबंधन अनिवार्य किया है। इसके तहत 20 हजार वर्गमीटर से बड़ी सोसायटियों और 100 किलो से ज्यादा कचरा निर्माण करनेवाली सोसायटियों में गीले कचरे के डिस्पोजल की व्यवस्था करने का आदेश जारी किया गया है।
सोसायटी में कचरे द्वारा खाद निर्माण की व्यवस्था करने वाली सोसायटियों को बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने का फैसला की है। इसके बावजूद मुंबई में कचरे का उत्पादन कम नहीं हो रहा है। शहर में लगभग 35 हजार रजिस्टर्ड सोसायटियां हैं, जिनमें से केवल 1300 सोसायटियों में कचरे के डिस्पोजल की कार्यप्रणाली शुरू हुई है।
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बता दें कि बीएमसी का घनकचरा विभाग रोजाना करीब 6 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरा उठा कर डंपिंग ग्राउंड में डालता है। इस समस्या का हल निकालने के लिए बीएमसी ने मुंबई में 100 फीसदी कचरा प्रॉसेस करने का रोडमैप बनाया है। इसमें कचरे का विकेंद्रीकरण दो गुना करने और हर वॉर्ड में कचरा प्रॉसेस करने समेत कचरे से बिजली उत्पादन शामिल है।
बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद लोग कचरे को लेकर काफी जागरूक हुए है। पहले के मुकाबले अब लोग कम कचरा इधर-उधर फेंक रहे हैं। इससे कचरा इकट्ठा करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है। मुंबई में मेडिकल कचरा काफी कम हो गया है। अब हॉस्पिटल में ही मेडिकल कचरा पैदा हो रहा है। मेडिकल कचरे में मास्क, ग्लव्स, सैनेटाइजर बोतल, स्लाइन, ग्लूकोज की बोतल और बाकी के सामग्री रहता है।
बता दें कि बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि इस प्रॉब्लम के लिए बीएमसी ने शहर में 100 फीसदी कचरा प्रॉसेस करने का रोडमैप तैयार किया है। घनकचरा डिपार्टमेंट ने विजन 2030 के तहत 100 फीसदी कचरा प्रॉसेस और कार्बन फुटप्रिंट (कार्बन उत्सर्जन) में 20 फीसदी की कमी लाने का टारगेट बनाया है। इसके साथ ही बीएमसी ने मुंबई में दिन में दो बार कचरा उठाने की व्यवस्था, सुबह जल्दी और रात में कचरा उठाने की योजना तैयार की है।

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