सोसायटी में कचरे द्वारा खाद निर्माण की व्यवस्था करने वाली सोसायटियों को बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने का फैसला की है। इसके बावजूद मुंबई में कचरे का उत्पादन कम नहीं हो रहा है। शहर में लगभग 35 हजार रजिस्टर्ड सोसायटियां हैं, जिनमें से केवल 1300 सोसायटियों में कचरे के डिस्पोजल की कार्यप्रणाली शुरू हुई है।
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बता दें कि बीएमसी का घनकचरा विभाग रोजाना करीब 6 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरा उठा कर डंपिंग ग्राउंड में डालता है। इस समस्या का हल निकालने के लिए बीएमसी ने मुंबई में 100 फीसदी कचरा प्रॉसेस करने का रोडमैप बनाया है। इसमें कचरे का विकेंद्रीकरण दो गुना करने और हर वॉर्ड में कचरा प्रॉसेस करने समेत कचरे से बिजली उत्पादन शामिल है। बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद लोग कचरे को लेकर काफी जागरूक हुए है। पहले के मुकाबले अब लोग कम कचरा इधर-उधर फेंक रहे हैं। इससे कचरा इकट्ठा करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है। मुंबई में मेडिकल कचरा काफी कम हो गया है। अब हॉस्पिटल में ही मेडिकल कचरा पैदा हो रहा है। मेडिकल कचरे में मास्क, ग्लव्स, सैनेटाइजर बोतल, स्लाइन, ग्लूकोज की बोतल और बाकी के सामग्री रहता है।
बता दें कि बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि इस प्रॉब्लम के लिए बीएमसी ने शहर में 100 फीसदी कचरा प्रॉसेस करने का रोडमैप तैयार किया है। घनकचरा डिपार्टमेंट ने विजन 2030 के तहत 100 फीसदी कचरा प्रॉसेस और कार्बन फुटप्रिंट (कार्बन उत्सर्जन) में 20 फीसदी की कमी लाने का टारगेट बनाया है। इसके साथ ही बीएमसी ने मुंबई में दिन में दो बार कचरा उठाने की व्यवस्था, सुबह जल्दी और रात में कचरा उठाने की योजना तैयार की है।