सात नवंबर को जारी आदेश के मुताबिक, मुंबई पुलिस द्वारा हवाई निगरानी या पुलिस उपायुक्त (संचालन) द्वारा लिखित स्पेशल परमिशन के अलावा, बृहन्मुंबई पुलिस आयुक्तालय की सीमा में उपरोक्त निजी उड़ान वस्तुओं की किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी। उक्त आदेश, 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए घातक आतंकी हमले की बरसी के तहत जारी किया गया है, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थीं।
यह भी पढ़ें
Mumbai News: दारू पिलाकर पहले लूडो में लाखों रुपए हराए, फिर बंदूक की नोक पर लूटा, जानें पूरा मामला
मुंबई की पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निर्देश जारी किया हैं। पुलिस का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वाले किसी भी शख्स को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-188 के तहत सजा दी जाएगी। जारी आदेश के मुताबिक, यह संभावना है कि आतंकवादी, संभावित हमलों के लिए ड्रोन, रिमोट से नियंत्रित होने वाले विमान (एअरक्राफ्ट), पैराग्लाइडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह वे वीवीआईपी को भी निशाना बना सकते हैं और बड़े पैमाने पर मानव जीवन को खतरे में डाल सकते हैं, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कानून व्यवस्था में गड़बड़ी कर सकते हैं।
आदेश में आगे कहा गया हैं कि इन उड़ने वाली वस्तुओं के इस्तेमाल से किसी भी संभावित हमले को रोकने के मकसद से बृहन्मुंबई पुलिस आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में ऐसे तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगाना जरूरी है। इसलिए कुछ निवारक और सक्रिय उपाय करने की शख्त जरूरत है।