जब ट्रेन लोकमान्य तिलक टर्मिनस के आउटर पर खड़ी थी। उसी समय पीड़ित बेटा स्टेशन पर उतरने के लिए सामान को दरवाजे के पास रख रहा था। जबकि उसकी मां सामान पर नजर बनाए रही थी। तभी नीचे से एक शख्स ने महिला के हाथ का पर्स खींचना शुरू किया। लेकिन जब महिला ने तमाम प्रयासों के बावजूद पर्स नहीं छोड़ा। तब लुटेरे ने महिला के पर्स की डोर को चाकू से काट दिया। हालांकि, इसी छीना झपटी में महिला ट्रेन से नीचे गिर गई।
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मां को ट्रेन से नीचे गिरते देख बेटा भी हमलावर लुटेरे को पकड़ने के लिए दौड़ा। इस प्रयास में वह भी ट्रैक पर गिर गया। जिसकी वजह से दोनों मां और बेटे बुरी तरह से घायल हो गए और उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। घायल अवस्था में दोनों को घाटकोपर के राजावाड़ी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। महिला के पर्स में चार लाख रूपए से अधिक के गहने, कैश और मोबाइल था। घटना के बाद इस वारदात के बाद से ही पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है लेकिन अभी तक हमलावर लुटेरा पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। बता दें कि मुंबई की लोकल ट्रेन से लेकर लंबी दूरी की गाड़ियों में पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिहाज आरपीएफ के जवान ट्रेन में तैनात किए जाते हैं। जो सफर की शुरुआत से लेकर सफर के आखिरी पड़ाव तक ट्रेन में रहते हैं। बावजूद इसके लंबी दूरी की गाड़ियों में इस प्रकार की घटनाएं अपने आप के पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिहाज से कई बड़े सवाल खड़े करती है। आखिर पैसे देकर टिकट लेने वाले पैसेंजर्स की सुरक्षा कब तक रामभरोसे चलेगी।