मुंबई से सटे उल्हासनगर की महिला ने अपने बेटे को फर्नाडीज से ले गए मलाड दंपत्ति से वापस पाने के लिए पिछले हफ्ते सिविल अदालत का रूख किया था। एडिथ डे और मिखाइल डे के माध्यम से प्रस्तुत एक याचिका में मां ने कोर्ट से बांगुर नगर पुलिस स्टेशन के डीसीपी, एसीपी और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को निर्देश देने की मांग की है। जिससे वह अपने बच्चे को उत्तरदाताओं से बरामद करने में मदद कर सके।
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बता दें कि इस मामले में अब 24 अगस्त को सुनवाई होगी। मां ने बताय कि व्यक्तिगत और वित्तीय परेशानियों की वजह से वह बच्चे को पालने में समर्थ नहीं थी और उसे जूलिया फर्नाडीज से संपर्क करने की सलाह दी गई थी। इसके बाद जूलिया फर्नाडीज ने महिला को बताया कि उसका एक एनजीओ है और ये एनजीओ उस बच्चे की देखभाल में तब तक मदद करेगी जब तक सभी चीजें ठीक नहीं हो जातीं और जब तक वह बच्चे को वापस लेने की स्थिति में नहीं आ जाती। मां ने कहा कि जूलिया फर्नाडीज ने बच्चे को गोद लेने में मदद की और उसे बताया कि बच्चे को गोद लेने लेने वाली दंपति अमीर थी और बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल होगा। इसके बाद मार्च 2022 में दीवानी कोर्ट ने मलाड दंपती को लड़के के दत्तक माता-पिता घोषित करने की याचिका को खारिज कर दिया था। मां ने तब कोर्ट को बताया था कि उसका पति और वह अपने बेटे को वापस चाहते हैं। इस दौरान मां ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद उन्हें अपने बच्चे की कस्टडी कभी नहीं मिली है। मां ने कहा कि उसके पति और उसने कई बार जूलिया के माध्यम से युगल से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन वह बहाना बनाकर बात को ताल देती थी और बाद में पुलिस में शिकायत करने की धमकी देने लगी।
महिला ने कहा कि उसने अपने बच्चे को पाने के लिए बांगुर नगर पुलिस से संपर्क किया। इस दौरान मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि कोर्ट का कोई आदेश नहीं था जो उन्हें बच्चे को बरामद करने में मदद करने का आदेश दे।