कस्तूरबा हॉस्पिटल में इससे संक्रमित एक बच्चा वेंटिलेटर पर है और वह मौत से जंग लड़ रहा है। वहीं करीब पचास बच्चों को हॉस्पिटल में संदिग्ध लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया है। क्योंकि शहर भर के पांच वार्ड इस गंभीर वायरल प्रकोप से जूझ रहे हैं। अक्टूबर में खसरे के एक मामले की पुष्टि हुई थी और दो संदिग्ध मौत हुई थीं।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेंटिलेटर पर रखे बच्चे की उम्र लगभग दो साल है। बच्चे के फेफड़ों में कॉम्प्लिकेशन विकसित होने के बाद उसे शनिवार को वेंटिलेटर पर रखा गया था। बच्चे को लेकर एक डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की हालत बेहद गंभीर है। डॉक्टर ने आगे बताया कि खसरा के अगले स्टेज में बच्चा ब्रोन्कोपमोनिया (फेफड़ों की सूजन) का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे बच्चे को बचाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। हॉस्पिटल के सूत्रों ने कहा कि बाकि के बच्चों की हालत स्थिर है। कम से कम तीन वार्डों में खसरा के संदिग्धों मामलों में काफी बढ़ोत्तरी नजर आई है। रविवार को शहर में संदिग्ध खसरे के मामलों की संख्या बढ़कर 740 हो गई, जबकि पुष्टि किए गए संक्रमणों की संख्या 109 बनी हुई है। बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मंगला गोमारे ने कहा कि संदिग्ध मामलों के सैंपल पुष्टि के लिए भेजे जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मुंबई शहर का जायजा लेने के लिए एक हाइ लेवल की उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। जिसकी टीम को मुंबई भेजी गई है जो पूरे राज्य का जायजा करेगी की इस बीमारी ने मुंबई में कितना भयानक रुप अख्तियार कर लिया है।
क्या है खसरा: बता दें कि खसरा एक इंसान से दूसरे इंसान में काफी तेजी से फैलती हैं। यह सबसे पहले किसी भी व्यक्ति के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करती है। इस बीमारी को दवाई और वैक्सिनेशन से रोका जा सकता है। दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है ‘खसरा’ की बीमारी। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक साल 2017 में केवल खसरा से पूरी दुनिया में लगभग 1 लाख 10 हजार लोगों की मौतें हुई थीं। जिनमें से अधिकांश बच्चे थे और वह 5 साल से कम उम्र के थे। देश में साल 2022 में सितंबर महीने में खसरा से 11 हजार 156 मामले आए थे। पिछले साल की तुलना में 79 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई है। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि सिर्फ साल 2022 में सिर्फ दो महीने में खसरा के मरीज दोगुने हो गए हैं।