सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा (जेयूडी) लश्कर-ए-तैयबा का ही संगठन है, जो 2008 (26/11) मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में बेगुनाह 166 लोग मारे गए थे । इसके अलावा 2001 में संसद पर हमले से लेकर पुलवामा और उरी हमले की साजिश में भी वह शामिल था। पाकिस्तान में टेरर फंडिंग के आरोप में उसे पकड़ा गया है। गुजरांवाला कोर्ट में आतंकी सईद की जमानत के लिए पेशी होनी थी, लेकिन काउंटर टेरेरिज्म विभाग (सीटीडी) ने रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया।
एक करोड़ डॉलर का ईनाम
अमरीका के वित्त विभाग ने आतंकी सईद को आतंकवाद फैलाने वाले अपराधियों की काली सूची में डाल रखा है। 2012 से उसको सजा दिलाने के लिए सूचना देने के वास्ते एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जेयूडी और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों और आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए पैसा जुटाने वाले ट्रस्टों के इस्तेमाल के खिलाफ भी जांच शुरू की है। हाफिज और उसके तीन सहयोगियों हाफिज मसूद, अमीर हमजा और मलिक जफर को 50-50 हजार रुपए के मुचलके पर तीन अगस्त तक अंतरिम जमानत मिली है। पाकिस्तान में मदरसे की जमीन के अवैध इस्तेमाल का आरोप इन पर लगाया गया। सीटीडी ने लाहौर में अवैध तरीके से भूखंड हड़पने और मदरसा बनाने के लिए सईद और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
पाकिस्तान कर रहा दिखावा
पाकिस्तान की इस कार्रवाई को भारत में आतंक पर कार्रवाई का दिखावा कहा जा रहा है। क्योंकि प्रधानमंत्री इमरान खान 21 जुलाई को अमरीका यात्रा पर जाने वाले हैं। अमरीका दौरे से पहले पाकिस्तान दुनिया को संदेश देना चाहता है कि वह आतंकवाद पर कार्रवाई कर रहा है। आतंकी हाफिज की गिरफ्तारी पर भारत सरकार में मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे पाकिस्तान का नाटक बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले भी गिरफ्तारी का नाटक कर चुका है, उसका भरोसा नहीं किया जा सकता।
आतंकी फंडिंग के लिए गिरफ्तारी
मिली जानकारी अनुसार हाफिज की गिरफ्तारी 2008 में मुंबई आतंकी हमले को लेकर नहीं हुई है, बल्कि टेरर फंडिंग मामले में की गई है। उसे सीटीडी ने गिरफ्तार किया है। सईद पर टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। तीन जुलाई को हाफिज, अब्दुल रहमान मक्की समेत कई अन्य बड़े आतंकियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।