जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस अनिल पानसरे की खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा कि जिन लोगों को भी आवारा कुत्तों को खाना खिलाना है, वे लोग अपने घरों ले जाकर खाना खिलाएं। किसी भी सार्वजनिक जगह पर यह काम न करें।
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बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि आवारा कुत्तों के लिए अगर आपको इतना ज्यादा ही प्यार है तो “इन कुत्तों को औपचारिक रूप से गोद लें और नागपुर नगर निगम (एनएमसी) के साथ रजिस्टर्ड भी करालें। इसके बाद ही कुत्तों को इस तरह का भोजन और देखभाल करने की अनुमति होगी। वहीं अगर आप सार्वजनिक जगह पर ऐसा करते पाए गए तो जुर्माना लगाया जाएगा। पीठ ने आगे कहा कि एनएमसी के ऑफिसरों पर किसी भी प्रकार का कोई रोक नहीं होगा, जो कि खतरनाक कुत्तों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने में बाधा बने। अधिकारी आम लोगों की शिकायतों पर आवारा कुत्तों की पकड़ और उन्हें मौके से हटाने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। इसके लिए ‘डॉग कंट्रोल सेल’ के संपर्क विवरण को प्रसारित करके एक जागरूकता प्रोग्राम भी जारी किया जाएगा।
बता दें कि इसके लिए धंतोली नागरिक मंडल ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके आवेदन पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया गया है। यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता विजय तलवार ने साल 2006 में दायर की थी, जिसमें आवारा जानवर खास कर कुत्तों से बढ़ते खतरे को कंट्रोल करने के लिए निवेदन किया गया था। याचिकाकर्ता विजय ने धंतोली और कांग्रेस नगर इलाकों में आवारा कुत्तों को लेकर शिकायत की थी, लेकिन इसे कंट्रोल करने के लिए शायद ही कोई एक्शन लिया गया।