राज्य सरकार से भिवंडी मनपा को करोड़ों रुपये का अनुदान प्राप्त होता है। दूसरे अन्य टैक्स वसूलने के अलावा मनपा शहर के लोगों से हर साल चार करोड़ रुपये से अधिक शिक्षा कर के रूप में वसूलती है। एक तरफ जहां स्टूडेंट्स को बेंचें नहीं मिली हैं, वहीं शिक्षण मंडल के अधिकारियों, हेड मास्टर और केंद्र प्रमुखों में समन्वय न होने की वजह से स्कूल क्रमांक 75 में तमाम बेंचें खुले आसमान के नीचे घुन खा रही हैं और टूट चुकी हैं। इन बेंचों का मरम्मत कराकर स्टूडेंट्स को बैठने की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।
बता दें कि मुंबई के शांतिनगर में पुलिस चौकी के पास एक बुल्डिंग में दो पालियों में 13 स्कूल हैं। स्कूल क्रमांक-2, 15, 18, 42, 69, 79, 80, 82, 92, 98, 99 और 101 यहां चलाया जा रहा हैं। इनमें स्कूल क्रमांक 2 और 42 मराठी मीडियम के स्कूल हैं, जिनकी हालत थोड़ी बहुत अच्छी है। इसके अलावा उस बुल्डिंग में चलने वाले 11 स्कूलों की हालत बदतर हो चुकी है। पेरेंट्स ने बताया कि उनके बच्चे घर से बोरी ले जाकर पढ़ाई करते हैं।
51 करोड़ से ज्यादा का शिक्षा बजट: मनपा के आर्थिक बजट में शिक्षा के लिए 51.29 करोड़ रुपये बजट तय किया गया है। वहीं मनपा लोगों से करीब 4.35 करोड़ रुपये शिक्षा कर के रूप वसूल करती है। इस बजट में स्कूलों के लिए बेंच खरीदने के लिए 50 लाख रुपये, पानी की टंकी के लिए 10 लाख रुपये और नई बिल्डिंग के लिए एक करोड़ रुपए दिए गए है।
इस मामले को लेकर मुंबई के विधायक रईस शेख ने बताया कि उन्होंने पिछले ढाई सालों में मनपा के स्कूलों के लिए 10 करोड़ से ज्यादा का अनुदान उपलब्ध कराया है। मनपा द्वारा उस निधि का इस्तेमाल बच्चों के एजुकेशन के लिए नहीं किया जाता है। इसकी शिकायत उन्होंने मनपा आयुक्त के साथ हुई बैठक में की है। उन्होंने बताया कि मनपा आयुक्त विजय कुमार म्हसाल ने शिक्षण कर के रूप में वसूली निधि का इस्तेमाल बच्चों की एजुकेशन पर करने का भरोसा दिया है।